Aadarsh Rathore
1.
कर्म से जीती दुनिया मैंने
, पर किस्मत से हारा हूं
भीड़ में रहकर भी हूं तन्हा, उफ! कितना बेचारा हूं।

2.
इस उजड़े जीवन को आबाद कर लेता हूं
आंखें बंद कर जब तुम्हें याद कर लेता हूं।

3.
अब काहे का रोना-धोना
, पहले ही सब समझाना था
वह वक्त गया, वह दौर गया जब मैं तेरा दीवाना था।

4.
अब तक जो सहता रहा
, वह तेरे हिस्से का था
अपने हिस्से का दर्द सहना तो बाकी है अभी...।

5.
अंदाज़ तो देखो उनका क्या कमाल करते हैं
जानते हैं हर जवाब फिर भी सवाल करते हैं...
6.
तन्हाई में ख्वाबों का
 'खजाना' हो तुम
सच कहूं तो जीने का बहाना हो तुम। 

7.
घर से लेकर आया था वह मासूमियत की पोटली
असफलता की नोंक पर दिल्ली ने वह भी लूट ली

8.
एक पल में ही तो अपना बनाया था यकायक
एक पल में ही बेगाना भी कर गए वो अचानक।

9.
निद्राविहीन नयनों में स्वप्न सजे तुम्हरे प्रियतम
मध्यरात्रि की बेला में, अरुणिम आभा सी छाई है।

(अलग-अलग समय पर फेसबुक पर पोस्ट लाइनें)


2 Responses
  1. Sumit Says:

    Cool.


  2. Neha Pathak Says:

    be positive..hum jaisa sochte hai waisa hi hota hai...jab achha sochenge to achhe karenge aur achha hoga...ye kya dukh bhari baate likhte rehte ho...
    Keep smiling :)