अभी-अभी प्रगति मैदान मेट्रो स्टेशन के बाहर कांग्रेस का झंडा लिए खड़े लोगों एक ग्रुप से मुलाकात हुई। मैंने पूछा कि कहां से आए हो और यहां कैसे? सामने से जवाब आया- अरे ये माद@#$द लाए थे रैली के लिए। सुबह तो बस में ले आए लेकिन अभी पूछने वाला कोई नहीं है बहिन$%...
मैंने पूछा कि बस कहां गई? तो जवाब आया कि कोई बस नहीं है। अभी खुद से जाना होगा वापस बदरपुर। पता चला कि वे सभी लोग ओखला इंडस्ट्रियल एरिया से लाए गए थे। 100 रुपये प्रति व्यक्ति की कीमत पर। ज्यादातर लोग दूसरे प्रदेशों के थे और ज्यादा पैसे पाने के लिए अपनी पत्नी और बच्चों को भी लाए थे।
सच कहा मनमोहन सिंह ने कि आज देशवासियों को रोजगार की जरूरत है। हैरानी नहीं होनी चाहिए कि मनरेगा के साथ-साथ कल को राहुल गांधी अपनी रैलियों की भी तारीफ करने लग जाएं। यह कहकर कि हमने लोगों को 'रोज़गार' दिया है।
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