"हरा#जादी, कुत्ती, साली, भै@ की लो*...!!! कहां से %#$ कर आ रही है...?"
बीती रात गर्ल्ज पीजी वाले लेन के अंधेरे कोने में एक लड़का अपने साथ खड़ी लड़की पर चीख रहा था. अचानक गालियों की बौछार तेज़ होने लगी. लड़की बेहद लाचार और बेबस होकर सिर झुकाए खड़ी थी. मैं अपने दोस्त के साथ पास की ही दुकान पर खड़ा था. इससे पहले की माजरा समझ में आता, लड़के ने पूरी ताकत से लड़की के गाल पर एक तमाचा जड़ दिया.
ये देख मेरा दोस्त आग-बबूला हो उठा. बड़े ही तेज कदमों से वो उस अंधेरे कोने की तरफ बढ़ चला जहां ये सीन चल रहा था. मैं भी उसके पीछे हो लिया. लेकिन जैसे ही मेरा दोस्त उनके करीब पहुंचा वो ठिठक गया. 1-2 सेंकेंड बाद मुझसे बोला कि चलो वापस.
मंद रोशनी में मैंने देखा कि लड़की कोई और नहीं बल्कि मेरे दोस्त की एक्स गर्लफ्रेंड थी. जब वो दोनों शिमला में थे तो 3 साल रिलेशनशिप में थे. दिल्ली आने के बाद लड़की ने ऑफिस जॉइन किया और तब से उसके व्यवहार में परिवर्तन आने लगा था. लड़की पारिवारिक वजहों का हवाला देकर अलग होने की जिद करने लगी थी.
मेरे दोस्त ने कभी भी उससे ऊंची आवाज में बात नहीं की थी. उस पर जान छिड़कता था. जितना समर्पण और प्रेम भाव मैंने उसके अंदर देखा था , वैसा आज तक कहीं और देखने को नहीं मिला. लेकिन लड़की उससे उतनी ही बदतमीजी और दुत्कार भरे रवैये से बात करती थी. वो उसकी हर बात मानता, उसकी हर हरकत को सहता. अकेले में रो लेता लेकिन शिकायत न करता.
एक दिन दोस्त को पता चला कि उसकी गर्लफ्रेंड का ऑफिस में ही किसी से अफेयर चल रहा है. वो रोया, गिड़गिड़ाया लेकिन लड़की ने उल्टे उसे न जाने क्या-क्या कहा. इसी दौर में जब वो उसके जन्मदिन पर फूल लेकर पीजी के बाहर गया था (संयोग से मैं भी साथ गया था और दूर से देख रहा था.) तो उस लड़की ने सभी लड़कियों के सामने फूलों को न सिर्फ सड़क पर फेंक दिया बल्कि अनाप-शनाप कह कर बुरी तरह बेइज्जती की. इसके बाद वो कई दिन तक डिप्रेशन में रहा था.
खैर, आज 1 साल बाद हालात बदल गए थे. उसी लड़की को उसका बॉयफ्रेंड सरेआम जलील कर रहा था, गालियां दे रहा था, मारपीट कर रहा था. मैं हैरान होकर सोच रहा था कि ये भी कैसी विडंबना है कि एक तरफ जहां एक लड़का उसे जी-जान से चाहता था, उसे बेपनाह प्यार करता था, उसका ख्याल रखता था, इज्जत से बात करता था, देखने में हैंडसम था, संस्कारी था.... उसे तो उस लड़की ने छोड़ दिया. लेकिन जिस लड़के के लिए उसने उसे छोड़ा... आज वही उसे गालियां दे रहा है, बेइज्जत कर रहा है, थप्पड़ मार रहा है.. लेकिन वो चुपचाप सह रही है!!!
ये कैसी फितरत है कि जो आपको प्यार करता है, सम्मान देता है.. उसे तो आप दुत्कारते हैं लेकिन जो आपको दुत्कारता है, आपको भाव नहीं देता... उसे प्यार करते हैं...?
सदियों से भारतीय समाज में पुरुष महिलाओं को पांव की जूती समझकर उनका दमन करते आ रहे हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि कुछ महिलाओं की मानसिकता ऐसी ही हो गई हो. जाने ऐसी कौन सी मजबूरी है कि उन्हें प्यार, सम्मान और समानता के बजाए दुत्कार, अपमान और प्रताड़ना ज्यादा पसंद है!!!
accha hai aap ka dost baccha gaya,aur ladki bas paise ke chkkar hogi
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