मेरे पीजी में होने वाली रहस्यमयी घटनाओं के बारे में तो आप पहले ही पढ़ चुके हैं. अगर नहीं पढ़ा तो यहां पर क्लिक करके पढ़ लीजिए. अब अगली घटना के बारे में आपको बताता हूं.
असमंजस वाली हालत में फंसा मैं कभी बाएं देखूं तो कभी दाएं. लेकिन अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था. नींद से एकदम जगने के कारण समझ ही नहीं आ रहा था कि हो क्या रहा है और मुझे क्या करना चाहिए. एकदम हक्का-बक्का रह गया था मैं. कम से कम 10 सेकेंड बाद लाइट जली तो देखा कि मेरे दाईं तरफ अभिषेक अपने बिस्तर पर चढ़कर कोने पर खड़ा हुआ है और घबराया हुआ है. और जब बाईं तरफ देखा तो राजेश पसीने से लथपथ और बेहद घबराया हुआ गहरी सांसें भर रहा है.
आपको साफ कर दूं कि इस घटना में साजिश जैसी कोई बात नहीं थी. ऐसा नहीं था कि अभिषेक और राजेश दोनों ने मिलकर मुझे डराने की कोशिश की हो क्योंकि उन दोनों के बीच बातचीत ही नहीं होती थी.
वहीं राजेश का कहना था कि जैसे ही उसने अभिषेक की चीख सुनी थी तो उसकी नींद खुल गई थी. जैसे की उसने आंखें खोली थी तो उसने किसी को कमरे से भागते हुए देखा था. हालांकि कमरे में बत्ती बुझी हुई थी लेकिन चूंकि राजेश का बिस्तर दरवाजे के पास था, इसलिए अगर कोई वहां से गुजरता तो उसे पता चल ही जाता.
समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर क्या हुआ. वाकई कोई कमरे में था या नहीं. अगर था तो कौन और अगर नहीं था तो उन दोनों को एकसाथ भ्रम कैसे हो सकता था. मैं अपनी तरफ से कयास लगाता रहा कि हो सकता है कि अभिषेक के बगल में बिल्ली सो गई हो. क्योंकि बिल्लियां अक्सर सर्दियों में गर्म जगह ढूंढती हैं. ये भी हो सकता है शायद बिल्ली से घबराए अभिषेक ने जो शोर मचाया, उससे राजेश अचानक डर गया हो. शायद उसे हड़बड़ी में और नींद से जगने की हालत में लगा हो कि कमरे में कोई चौथा इंसान भी है. लेकिन हकीकत क्या है ये तो ऊपर वाला ही जाने.
पहली भी इतनी सारी अजीब घटनाएं घट चुकी थीं कि इस बार भी ये किसी भूत की ही करामात लग रही थी. इन्ही सर्दियों में एक और रहस्यमयी घटना हुई जिसके बारे में आपको अगली पोस्ट में बताउंगा. एक ऐसी घटना जिसके बारे में आप पढ़कर आप भी हैरान हो जाएंगे. एक रहस्यमयी लड़की की घटना जो जाने कहां से आई और कहां चली गई. क्या वो लड़की भटकती हुई आत्मा थी?
इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश कीजिए अगली पोस्ट में....
ये घटना मार्च, 2011 की है जब सर्दियां खत्म हो रही थीं. जिस बड़े हॉल नुमा कमरे में मैं रहता हूं, वहां मेरे साथ दो लोग और रहते थे. मेरे रूममेट्स- एक अभिषेक और दूसरा राजेश. मेरा बिस्तर कमरे के एकदम बीच में है और दोनों रूममेट्स के बिस्तर अगल-बगल लगे हैं. एक दिन रात को मैं सो रहा था कि अचानक किसी के चीखने की आवाज सुनाई दी. मेरी नींद खुली तो कमरे में एक हलचल सी दिखाई दी और हाहाकार सा मचा हुआ था. अंधेरे में कुछ नहीं दिख रहा था. कुछ सेंकेंड्स बीतने के बाद अहसास हुआ कि अभिषेक चिल्ला रहा है. मैं उठकर बिस्तर में बैठा और हैरान होकर हालात को समझने की कोशिश कर रहा था. तभी दूसरी तरफ से राजेश ने चीखना शुरू कर दिया. वो जोर-जोर से चिल्ला रहा था- चौथा कौन? चौथा कौन?
आपको साफ कर दूं कि इस घटना में साजिश जैसी कोई बात नहीं थी. ऐसा नहीं था कि अभिषेक और राजेश दोनों ने मिलकर मुझे डराने की कोशिश की हो क्योंकि उन दोनों के बीच बातचीत ही नहीं होती थी.
उन दोनों के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थीं. मैंने पूछा कि क्या हुआ? लेकिन उन दोनों में से कोई भी बोलने की स्थिती में नहीं लग रहा था. एक मिनट तक कमरे में चुप्पी छाई रही और हर कोई खामोश होकर एक-दूसरे को देख रहा था. घड़ी रात के 2 बजा रही थी. इतनी देर तक आसपास के कमरों में रहने वाले लड़के भी शोर-शराबा सुनकर मेरे कमरे में आ गए थे. उन्होंने भी पूछा कि क्या हुआ?
राजेश थूक गटकता हुआ बोला कि कमरे में कोई चौथा था... हमारे अलावा भी कोई था जो अभी-अभी भागा है. उसकी बात सुनकर हम हैरान थे. आखिर कमरे में हम तीन के अलावा चौथा कौन हो सकता है और वो इतनी रात को क्या कर रहा था. फिर अभिषेक से पूछा गया कि तुम क्यों चिल्ला रहे थे. अभिषेक ने कहा कि मुझे लगा कि कोई मेरे साथ सोया हुआ है. हम सभी कहने लगे कि तुम लोगों को वहम हुआ है. लेकिन अंदर से हर कोई डरा हुआ था. लेकिन अभिषेक का कहना था कि नींद में उसे महसूस हुआ कि कोई उसके साथ सोया हुआ है. फिर उसने आंखें खोलकर महसूस किया कि उसकी टांग के पास कुछ है जो रेंग रहा है. उसने छूकर देखा तो कुछ रोएंदार सी चीज़ महसूस हुई. इस पर उसने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए उस चीज़ को एक तरफ झटका और चिल्लाने लगा था.
वहीं राजेश का कहना था कि जैसे ही उसने अभिषेक की चीख सुनी थी तो उसकी नींद खुल गई थी. जैसे की उसने आंखें खोली थी तो उसने किसी को कमरे से भागते हुए देखा था. हालांकि कमरे में बत्ती बुझी हुई थी लेकिन चूंकि राजेश का बिस्तर दरवाजे के पास था, इसलिए अगर कोई वहां से गुजरता तो उसे पता चल ही जाता.
समझ ही नहीं आ रहा था कि आखिर क्या हुआ. वाकई कोई कमरे में था या नहीं. अगर था तो कौन और अगर नहीं था तो उन दोनों को एकसाथ भ्रम कैसे हो सकता था. मैं अपनी तरफ से कयास लगाता रहा कि हो सकता है कि अभिषेक के बगल में बिल्ली सो गई हो. क्योंकि बिल्लियां अक्सर सर्दियों में गर्म जगह ढूंढती हैं. ये भी हो सकता है शायद बिल्ली से घबराए अभिषेक ने जो शोर मचाया, उससे राजेश अचानक डर गया हो. शायद उसे हड़बड़ी में और नींद से जगने की हालत में लगा हो कि कमरे में कोई चौथा इंसान भी है. लेकिन हकीकत क्या है ये तो ऊपर वाला ही जाने.
पहली भी इतनी सारी अजीब घटनाएं घट चुकी थीं कि इस बार भी ये किसी भूत की ही करामात लग रही थी. इन्ही सर्दियों में एक और रहस्यमयी घटना हुई जिसके बारे में आपको अगली पोस्ट में बताउंगा. एक ऐसी घटना जिसके बारे में आप पढ़कर आप भी हैरान हो जाएंगे. एक रहस्यमयी लड़की की घटना जो जाने कहां से आई और कहां चली गई. क्या वो लड़की भटकती हुई आत्मा थी?
इन सवालों का जवाब जानने की कोशिश कीजिए अगली पोस्ट में....
abhi bhi ussi pg m ho to pg badal lo....yehi upaay hai
abhi bhi ussi pg mei ho to pg badal lo,yehi upay hai