कॉमनवेल्थ गेम्स के नाम पर मचाई गई लूट-खसोट पर एक सॉन्ग कंपोज़ किया है. इस रचना के लिए जो पंक्तियां लिखी गई हैं उसमें मदद के लिए मित्र अभिषेक तिवारी का आभारी हूं. इस गाने का म्यूज़िक ट्रैक कंपोज़ करने में मैंने इंटरनेट की हेल्प ली है. FLStudio सॉफ्टवेयर करप्ट हो जाने के कारण मैं खुद से कुछ नहीं कर सका. इसलिए Cool Edit Pro में डाउनलोडेड बीट्स ट्रैक में बांसुरी और सिंथेसाइज़र मिक्स करके इसमें भारतीय पुट देने की कोशिश की है. उम्मीद करता हूं कि ये ट्रैक आपको पसंद आएगा.
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MP3 फॉरमेट में सुनने और डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए लिंक्स मे से किसी पर भी क्लिक करें. अच्छा लगे तो Facebook और Orkut मे शेयर करें और देश को करप्शन फ्री बनाने की मुहिम से जुड़ें...
धिक्कार है... MP3 (HOTSHARE.COM)
धिक्कार है... MP3 (4SHARED.COM)
ये रहे इस रैप के बोल:
देश का जो पैसा लूटे है उसपे धिक्कार
वफादार बने फिरते हैं देश के गद्दार,
करतूतों से इनकी भरे हैं अखबार
चैनल्स में है ब्रेकिंग न्यूज की भरमार...
गेम्स के नाम पर हुआ जो भ्रष्टाचार
जीत गए लुटेरे खेलों की हुई हार,
नेता, अफसर, साथ में ठेकेदार
तिकड़ी जमी ऐसी, अरबों गए डकार...
सुना था हमने होगा दिल्ली का विकास
विकास कहां यारो ये तो हो गया विनाश,
इतने बजट में बस जाती इक नई सिटी
दिल्ली से भी मस्त, एकदम वर्ल्ड क्लास...
जैसे-तैसे कर दी है इन्होंने लीपा-पोती
नाड़े से टिका कर रखी हो जैसे धोती,
ऑनेस्टी से गर किया होता काम
दिल्ली की यारो अलग ही होती शान...
आओ हम छेड़ें एक ऐसा अभियान
बचा न पाएं देशद्रोही अपना गिरेबान,
साथ दे हमारा वो हर इंसान
देश है प्यार जिसका, देश ही है जान...
कॉमन मैन के वेल्थ से किया जिन्होंने खेल
बड़ा हो या छोटा,सब पर कसो नकेल,
खेलों को जिन्होंने बना दिया है झेल
ख्वाहिश है अपनी वो सीधे जाएं जेल...
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ये रहे इस रैप के बोल:
देश का जो पैसा लूटे है उसपे धिक्कार
वफादार बने फिरते हैं देश के गद्दार,
करतूतों से इनकी भरे हैं अखबार
चैनल्स में है ब्रेकिंग न्यूज की भरमार...
गेम्स के नाम पर हुआ जो भ्रष्टाचार
जीत गए लुटेरे खेलों की हुई हार,
नेता, अफसर, साथ में ठेकेदार
तिकड़ी जमी ऐसी, अरबों गए डकार...
सुना था हमने होगा दिल्ली का विकास
विकास कहां यारो ये तो हो गया विनाश,
इतने बजट में बस जाती इक नई सिटी
दिल्ली से भी मस्त, एकदम वर्ल्ड क्लास...
जैसे-तैसे कर दी है इन्होंने लीपा-पोती
नाड़े से टिका कर रखी हो जैसे धोती,
ऑनेस्टी से गर किया होता काम
दिल्ली की यारो अलग ही होती शान...
आओ हम छेड़ें एक ऐसा अभियान
बचा न पाएं देशद्रोही अपना गिरेबान,
साथ दे हमारा वो हर इंसान
देश है प्यार जिसका, देश ही है जान...
कॉमन मैन के वेल्थ से किया जिन्होंने खेल
बड़ा हो या छोटा,सब पर कसो नकेल,
खेलों को जिन्होंने बना दिया है झेल
ख्वाहिश है अपनी वो सीधे जाएं जेल...
अच्छी पंक्तिया ........
हमारे देश में ये "खेल" कोई नई बात नहीं है .............
पढ़े और बताये कि कैसा लगा :-
http://thodamuskurakardekho.blogspot.com/2010/09/blog-post_22.html
बहुत बढ़िया महाराज....जय हो...पहले वालों और बेहतर है ये रैप
Love the song,nice yar..