इन दिनों मेरे सर पर गाने कंपोज करने का भूत सवार है। इन दिनों इतना समय नहीं मिल पा रहा कि मैं अपनी धुनें तैयार कर सकूं। इसलिए इंग्लिश गानों के म्यूजिक ट्रैक्स के साथ ही प्रयोग कर रहा हूं। मेरा एक ऐसा ही प्रयोग आपके सामने है। इस बार Boyzone के No Matter What गाने के वाद्य यंत्रों वाले ट्रैक पर एक गाना गाया है। गाना हिमाचली में है और इसकी शब्दावली भी मैंने खुद लिखी है। दरअसल इस गाने में मैंने अपने मनोभाव भी चित्रित किए हैं। मैं यहां दिल्ली में रहकर अपनी जन्मभूमि को बहुत याद करता हूं। इसी से संबंधित है ये गाना।
CLICK HERE TO DOWNLOAD THIS SONG
इसमें प्रथम पंक्तियों में शहर गए एक युवक को बुलाया जा रहा है।
कितनी मैं हाकां पाई
आइजा की हुण घरा जो,
आइजा ओ मेरेया प्यारेया
छड्डी दे तू शहरा जो...।
इस पंक्तियों का अर्थ है- तुझे कितनी बार आवाज लगा दी, अब तो घर आजा। मेरे प्यारे तू शहर छोड़ कर आजा। इससे आगे की पंक्तियां हैं...
नाते तैं दित्ते भुलाई
भूलया तू अपणा ग्रां,
खड्डा री छेड़ तू भुलेया
अंबा रे डाला री छां...।
इनका अर्थ है- रिश्ते तूने भुला दिए हैं, अपने गांव को भी भूल चुका है। नदी की मीठी आवाज को भी भूल गया है और आम के पेड़ की ठंडी छांव को भी। इसके बाद शहर में रहने वाला युवक उत्तर देता है
मन ता मेरा भी करदा
पर आऊं किंया घरा जो
कोशिश ता पूरी मैं करदा
पर शहर नी छडदा मिंजो...।
इन पंक्तियों का अर्थ है- मन तो मेरा भी करता है कि मैं घर आऊं। इसके लिए मैं पूरी कोशिश भी करता हूं लेकिन कमबख्त ये शहर ही मुझे नहीं छोड़ रहा है।
उपरोक्त पंक्तियां वाकई में हर उस व्यक्ति की कहानी है जो अपने गांव, शहर को छोड़कर दूर आया है। मन तो बहुत चाहता है कि पराया शहर छोड़कर अपनी जड़ों की तरफ चले जाएं लेकिन ऐसा चाहकर भी नहीं हो पाता। अब ऐसे चक्र में बंध गए हैं कि लौटना अब मुश्किल लगता है। आप कितनी भी कोशिश कर लें ये शहर छोड़ने की, ये शहर आपको नहीं छोड़ेगा। बहरहाल, ये आधूरा गाना है। जल्द ही इस गाने के पूरे और अच्छी गुणवत्ता वाले संस्करण के साथ आऊंगा।
CLICK HERE TO DOWNLOAD THIS SONG
इसमें प्रथम पंक्तियों में शहर गए एक युवक को बुलाया जा रहा है।
कितनी मैं हाकां पाई
आइजा की हुण घरा जो,
आइजा ओ मेरेया प्यारेया
छड्डी दे तू शहरा जो...।
इस पंक्तियों का अर्थ है- तुझे कितनी बार आवाज लगा दी, अब तो घर आजा। मेरे प्यारे तू शहर छोड़ कर आजा। इससे आगे की पंक्तियां हैं...
नाते तैं दित्ते भुलाई
भूलया तू अपणा ग्रां,
खड्डा री छेड़ तू भुलेया
अंबा रे डाला री छां...।
इनका अर्थ है- रिश्ते तूने भुला दिए हैं, अपने गांव को भी भूल चुका है। नदी की मीठी आवाज को भी भूल गया है और आम के पेड़ की ठंडी छांव को भी। इसके बाद शहर में रहने वाला युवक उत्तर देता है
मन ता मेरा भी करदा
पर आऊं किंया घरा जो
कोशिश ता पूरी मैं करदा
पर शहर नी छडदा मिंजो...।
इन पंक्तियों का अर्थ है- मन तो मेरा भी करता है कि मैं घर आऊं। इसके लिए मैं पूरी कोशिश भी करता हूं लेकिन कमबख्त ये शहर ही मुझे नहीं छोड़ रहा है।
उपरोक्त पंक्तियां वाकई में हर उस व्यक्ति की कहानी है जो अपने गांव, शहर को छोड़कर दूर आया है। मन तो बहुत चाहता है कि पराया शहर छोड़कर अपनी जड़ों की तरफ चले जाएं लेकिन ऐसा चाहकर भी नहीं हो पाता। अब ऐसे चक्र में बंध गए हैं कि लौटना अब मुश्किल लगता है। आप कितनी भी कोशिश कर लें ये शहर छोड़ने की, ये शहर आपको नहीं छोड़ेगा। बहरहाल, ये आधूरा गाना है। जल्द ही इस गाने के पूरे और अच्छी गुणवत्ता वाले संस्करण के साथ आऊंगा।
gaaya to achchha hai lekin dhun ke kaaran ye himachali kam french ya spanish adhik lag raha hai.
क्या बात है आप तो गायक भी हो गये रजिस्टर्ड
वाह जी वाह कि गल है, बहुत सुंदर
oye tu to sanu emotion kar dita.....
बहुत खूब ......भावों को गीत के रूप में बहुत अच्छे से पेश किया है ....आपने
bahut khoob aadarsh ji, isi tarah apne manobhavon se hame abhibhoot karte rahiye.....
kya baat hai aadarsh bhaiya mai to ye sujhaav deta hu ki patarkarita ko chod kar film line mein entry kar lo or gaane likho. kya rakha hai media line mein