गूगल अश्लीलता को बढ़ावा दे रहा है। गूगल सर्च इंजिन की सेटिंग्स हिन्दी में की जाए तो ये बात साफ हो जाती है। दरअसल गूगल उपयोक्ताओं (users) की सुविधा के लिए एक सेवा देता है। अगर हम A टाइप करेंगे तो उससे A से शुरु होने वाले शब्दों को वो खुद से दिखाना शुरु कर देगा। जैसे A टाइप करने पर हिन्दी में एक आना चाहिए। अंग्रेज़ी में A टाइप करने पर A से शुरु होने वाले सर्च की-वर्ड्स सामने आते हैं..। लेकिन हिन्दी सुविधा में गूगल ने अश्लीलता की हदें पार कर दी हैं। कोई भी शब्द टाइप करें वह अश्लील और गंदे शब्दों को ही प्राथमिकता देता है।
जैसे G टाइप करने पर गंदे चुटकले, S टाइप करने पर सहवास आदि। अगर आपको मेरी बात पर संदेह हो तो यहां क्लिक करें.. ऐसा करने पर गूगल का हिन्दी पेज खुलेगा। वहां पर अंग्रेजी में कोई भी एक अल्फ़ाबेट टाइप करें..। उससे संबंधित की-वर्ड्स में फूहड़ या फिर 'काम' भाव से प्रेरित शब्द ही दिखेंगे..।
कुछ लोगों का कहना हैfrequently searched terms हैं। यानी भारत से हिन्दी में जो सबसे ज्याटा सर्च किया गया है, उसी को गूगल स्वत: दिखा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि गूगल पर T टाइप करने पर ठेकेदार की बीवी लिखकर आता है। तो क्या सबसे ज्यादा ठेकेदार की बीवी टाइप किया गया है..। और ऐसा क्यों करेगा? ठेकेदार की बीवी क्या है? क्या वो T से शुरु होने वाले और शब्दों से ज्यादा महत्व वाला है? और अगर गूगल frequently searched term को ही प्रदर्शित करता है तो अंग्रेज़ी में ऐसा क्यों नहीं होता। अंग्रेज़ी में S लिखने पर क्यों नहीं SEX आ जाता या कोई और शब्द लिखने पर क्यों नहीं अश्लील शब्द आ जाते। क्या तथाकथित काम कुंठित भारतीय लोग अंग्रेज़ी में अश्लील सामग्रियों की खोज नहीं करते? या फिर हिन्दी इस्तेमाल करने वाले ही ऐसा करते हैं...?
फिर भी मुद्दा ये नहीं है कि ये फ्रिक्वेंटली सर्चड टर्म्स हैं अथवा नहीं। बल्कि मुद्दा ये है कि जिस तरह से गूगल ने अंग्रेज़ी भाषा के सर्च इंजिन के लिए फिल्टर लगाकर अश्लील शब्दों को इस तरह की सूची में दिखने से रोका हुआ है, उसी तरह का फिल्टर लगाकर हिन्दी में दिखने वाले इन अश्लील शब्दों को क्यों नहीं रोका जा रहा? बेशक अगर ये शब्द frequently searched term हैं लेकिन सर्च करते वक्त इनका सुझाव देने को मैं उचित नहीं मानता। आप क्या सोचते हैं?
जैसे G टाइप करने पर गंदे चुटकले, S टाइप करने पर सहवास आदि। अगर आपको मेरी बात पर संदेह हो तो यहां क्लिक करें.. ऐसा करने पर गूगल का हिन्दी पेज खुलेगा। वहां पर अंग्रेजी में कोई भी एक अल्फ़ाबेट टाइप करें..। उससे संबंधित की-वर्ड्स में फूहड़ या फिर 'काम' भाव से प्रेरित शब्द ही दिखेंगे..।
कुछ लोगों का कहना हैfrequently searched terms हैं। यानी भारत से हिन्दी में जो सबसे ज्याटा सर्च किया गया है, उसी को गूगल स्वत: दिखा रहा है। लेकिन ऐसा नहीं है, क्योंकि गूगल पर T टाइप करने पर ठेकेदार की बीवी लिखकर आता है। तो क्या सबसे ज्यादा ठेकेदार की बीवी टाइप किया गया है..। और ऐसा क्यों करेगा? ठेकेदार की बीवी क्या है? क्या वो T से शुरु होने वाले और शब्दों से ज्यादा महत्व वाला है? और अगर गूगल frequently searched term को ही प्रदर्शित करता है तो अंग्रेज़ी में ऐसा क्यों नहीं होता। अंग्रेज़ी में S लिखने पर क्यों नहीं SEX आ जाता या कोई और शब्द लिखने पर क्यों नहीं अश्लील शब्द आ जाते। क्या तथाकथित काम कुंठित भारतीय लोग अंग्रेज़ी में अश्लील सामग्रियों की खोज नहीं करते? या फिर हिन्दी इस्तेमाल करने वाले ही ऐसा करते हैं...?
फिर भी मुद्दा ये नहीं है कि ये फ्रिक्वेंटली सर्चड टर्म्स हैं अथवा नहीं। बल्कि मुद्दा ये है कि जिस तरह से गूगल ने अंग्रेज़ी भाषा के सर्च इंजिन के लिए फिल्टर लगाकर अश्लील शब्दों को इस तरह की सूची में दिखने से रोका हुआ है, उसी तरह का फिल्टर लगाकर हिन्दी में दिखने वाले इन अश्लील शब्दों को क्यों नहीं रोका जा रहा? बेशक अगर ये शब्द frequently searched term हैं लेकिन सर्च करते वक्त इनका सुझाव देने को मैं उचित नहीं मानता। आप क्या सोचते हैं?
बच्चे, ये तुम्हारे हिन्दुस्तान सी की गई 'frequently searched terms' हैं. गूगल वही दिखाता है तो इस देश को भाता है.
समझे बच्चे?
तो क्या हिंदी वालो को हक नहीं है कुछ जानने का भइया, ये तो सही है कि उनके पास वही वर्ड्स होते है जिनका सर्च किया हुआ होता है,अब लोग जो खोजते है गूगल बाबा वही दिखाते है
ऊपर टिप्पणी करने वाले प्रबुद्ध महाराज,
आपको जानकारी दे दूं कि ये frequently searched terms नहीं हैं। अगर ये frequently searched terms होती R टाइप करने पर रुचिका आता, S टाइप करने पर शाहरुख या फिर सेक्स आता। क्योंकि कोई भी कामांध अगर सर्च करेगा तो सेक्स टाइप करेगा न कि सहवास...। मूढ़ बुद्धि, अगर अपने ज्ञान के बारे में इतने ही आश्वस्त हो तो क्यों नहीं अपने नाम से टिप्पणी की?
शशांक टिप्पणी तुम पर नहीं, बल्कि अज्ञात शख्स पर है
शशांक भैया सही कह रहे हैं. ये एकदम से frequently searched terms तो नही हो सकते हैं पर ज्यादातर खोजे जाने वाले जरूर हो सकते हैं. रही बात रूचिका की तो वो मुद्दा अभी हाल ही में आया है.
"S टाइप करने पर शाहरुख या फिर सेक्स आता"
shahr लिखने पर शाहरुख आता है. S लिखने पर सेक्स तो नही हां सेक्सी शब्द जरूर आता है.
इंटरनेट पर हिंदी में कामुक कहानियां काफ़ी मात्रा में उपलब्ध हो गई हैं. और लोग उन्हे खूब खोज खोज कर पढ़ रहे हैं. शायद इसी वजह से ऐसा हुआ हो.
ruc लिखने पर रूचिका भी दिखाता है गूगल
हां अंकुर वो दिखाएगा, क्योंकि ये frequently searched term नहीं है बल्कि अंग्रेज़ी का हिन्दी फोनेटिक रूपांतरण है। अगर आप गूगल सर्च बार के नीचे और जानें लिंक पर क्लिक करते हैं तो गूगल भी बताता है कि यह frequently searched terms न होकर HINDI PHONETIC रूपांतरण है। मुद्दा सिर्फ ये है कि मात्र एक शब्द टाइप करने पर प्राथमिकता में अश्लील शब्द ही क्यों हैं?
अबे अकल से पैदल आदर्श राठौर रूपांतरण करके उन्हीं शब्दों को दिखाया है जो ज्यादा खोजें जाते हैं अगर खुद में अकल नहीं है तो अंकुर गुप्ता से सीख
अबे रुचिका तो अभी चार दिन में आई है जो दिख रहा है वो कब से खोजा जा रहा है?
थोडा पढ़ लिख ले, लगता है कि एकदम निपट बेवकूफ आदमी है
सही कहा, आदर्श जी को कुछ पढ़ लिख लेना चाहिए ताकि वो भी Anonymous की तरह अबे, तबे करके बात करें। क्योंकि Anonymous पढ़-लिख तो गये हैं लेकिन शिक्षित नहीं हो पाये। इसके लिए हमारे देश की शिक्षा पद्धति ही दोषी है जो लोगों को पढ़ा-लिखा तो देती है लेकिन शिक्षित और संस्कारित नहीं करती। काश Anonymous कॉमन सेंस का इस्तेमार करते।
'मूढ़ बुद्धि,'
याचना जी, जो मजे में की गई बातों का जवाब इस तरह के विशेषणों से दे, उससे प्यार से बात आप ही करिये
मुझे तो सही जवाब देना आता है.
अरे आदर्श भाई, ये सब गूगल की ट्रिक्स हैं ताकि अपनी यूसेज बढ़ा सके। सही है कि ये ज्यादा सर्च करने वाली टर्म नहीं लेकिन जानबूझकर ऐसे शब्द देने के पीछे हिन्दुस्तानियों की मानसिकता को भुनाना ही है। लेकिन आप क्यों उलझे पड़े हैं, छोड़िए। और भी गम हैं जमाने में। अरे बेनामी भाई, तुम भी आराम करो
बहुत खूब आदर्श। इस तरह के बेकार मुद्दे उठाकर अपने ब्लॉग का ट्रैफिक बढ़ाना बखूबी आता है तुम्हें। Anonymos को बहस में उलझाकर कमेंट की संख्या बढ़ा रहे हो। ये बताओ भूत वाली सिरीज की अगली पोस्ट कब डाल रहे हो? waiting!!!!
वाकई छुपकर गूगल पर अश्लील सामग्री सर्च करने वालों के लिये इंतजाम किया जाना चाहिये।।
आदर्श की बात से सहमत हो रहा हूं इस विषय पर कुछ पड़ताल की है, आप गूगल के इस फार्मेट में जाये तो ज्यादातर सिंगल अल्फाबेट या कहें हिंदी का अंग्रेजी फोनेटिक लिखे तो सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी जा रही है अश्लील साहित्य को, मुझे तो लगता है कि शाय़द ये गूगल का प्रचार लोकप्रियता बढ़ाने का फंडा है, अगर ऐसा नहीं है तो फिर गूगल अग्रेजी भाषा में कोई अल्फाबेट लिखन पर अश्लीलता की साइट क्यों नहीं दिखाता, अगर विश्वास न हो तो सभी ब्लागर बंधु इसको ट्राई कर सकते है। और पहले हिंदी में गूगल पर कोई अल्फाबेट टाइप करिये, फिर अंग्रेजी भाषा गूगल पर , आप पायेगे कि हिंदी करने पर अश्लीलता को प्राथमिकता दी जा रही है
कमाल है एनोनिमस ब्लागर ने सबका दिमाग खा रहा है,अपने नाम बताने से क्यों डरते हो, जैसे हो वैसे ही रहोगे, बदलोगे नहीं,
कल्पना जी तो जैसे चाहती ही नहीं उनका कोई ब्लाग पढे, और याचना को अपने दिमाग का इलाज कराना चाहिये जो बिना जांच पड़ताल किये ही पोस्ट ठोक दी,कमेंट से ज्यादा पोस्ट पढ़ती तो एनोनिमस जैसे निरे बेवकूफों पर अपना समय व्यर्थ करती है
भाई पोस्ट पढने से ज्यादा मजा तो टिपण्णियां पढने मै आ रहा है :)
शशांक जी... आपने शोध तो किया है किन्तु शायद कुछ कमी रह गई है. आप http://www.google.co.in खोलिए अंग्रेजी में.. उसमे removing टाईप कीजिये एवं सुझाव देखिये. अब इसी पृष्ठ पर नीचे एक कड़ी है Go to Google.com... उस पर क्लिक कीजिये. अब इसमें removing टाईप कीजिये तथा सुझाव देखिये... अंतर समझ आ जायेगा.
इस सब का कारण... गूगल के ये उत्पाद अपने परिणामों को पुरानी सीखों के आधार पर सुधारते हैं... artificial intelligence एवं neural network के अल्गोरिथम लगाने के परिणामस्वरूप गूगल के रिज़ल्ट्स समय के साथ सुधरते जाते हैं. उन्ही परिष्कृत परिणामों को आप सुझाव में पढ़ रहे हैं... इनके लिए गूगल के बजाये भारतीय IPs से पोर्न सर्च करने वाले लोग जिम्मेदार हैं.
वैसे एक संभवतः रोचक चीज़ आपको बताता हूँ... जिसके लिए भारतीय नहीं बल्कि गूगल ज़िम्मेदार है और जिसका जव़ाब गूगल को आज नहीं तो कल देना ही होगा. शायद आप पत्रकार गण इसके बारे में जानते होंगे, यदि नहीं जानते तो जानिए तथा सबको बताइए. http://bit.ly/6Hys1V पर जाइए तथा भारत का नक्शा खोलिए. दो अलग windows में http://bit.ly/8SsUZy तथा http://bit.ly/6BU49S खोलिए और उसमे भारत का नक्शा खोलिए. अब तीनों में अरुणाचल प्रदेश और कश्मीर के आसपास का हिस्सा देखिये. भारत, चीन तथा पाकिस्तान के लोगों को कैसे बेवकूफ बनाया गया है यहाँ. प्रथम नक्शा गूगल maps का भारतीय संस्करण है. दूसरा US तथा तीसरा चीनी संस्करण है. ये जरूर लोकप्रियता बढ़ने के लिए किया जा रहा है.
हम ने अपने कंप्यूटर पर यह खेल किया। पता लगा गूगल वही शब्द सब से पहले दिखाता है जो आप के कंप्यूटर पर से सबसे अधिक खोजे गए हैं।
प्रफुल आपकी जानकारी रोचक है और मुद्दा भी जो दुखद है लेकिन ये बाजारवाद का नजा़रा है। रही बात शब्दों के खेल के मु्द्दे की तो दुनिया में सबसे ज्याद अग्रेजी जानने वाले लोग भारत में रहने वालों से कहीं ज्यादा है लेकिन इसका अर्थ ये तो नहीं जो भारत में अंग्रेजी जानते है वो अश्लील साहित्य में रुचि नहीं रखते है।
दूसरी बात कि हिंदुस्तान के बाहर रहने वाले वो लोग अंग्रेजी भाषा को अच्छी तरह जानते है क्या वो लोग पार्न फिल्म या लिट्रेचर को नहीं देखते या पढ़ते है। अगर वो इंट्रेस्ट लेते है तो गूगल को अंग्रेजी भाषा में भी अश्लील साहित्य को प्रमुखता के साथ दिखाना चाहिये क्योंकि ये तो सब जानते है कि हमेशा से लोगों में सेक्स को लेकर रोचकता रहती है और वो भी असीम
शशांक जी, आपकी बात से पुर्णतः सहमत हूँ. आपकी बात पढ़ कर एक और बात याद आई. गूगल के अंग्रेजी वर्ज़न में अश्लील नतीजे कम आयें इसके लिए Safe Search नामक एक सेट्टिंग होती है, जो की default on होती है. इसके कारण अंग्रेजी में ऐसे नतीजे कम दिखाई देते हैं. लेकिन शायद गूगल के भारतीय इंजिनियर मित्र ये सेट्टिंग हिंदी में ठीक से लगाना भूल गए. जो भी है कुछ तो गड़बड़ है.
गूगल का भारतीय भाषाओं का सर्च इंजन अभी पूरी तरह परिष्कृत नहीं है, इसका सबूत है की अगर आप अंग्रेजी या फ्रेंच या जर्मन या स्पेनिश में कोई शब्द टाइप करें और स्पेलिंग गलत हो तो गूगल खुद उसे सुधारने का सुझाव देता है. पर हिंदी में छोटी गलतियाँ भी वह नहीं पकड़ पाता, गूगल ने हिंदी में अभी अभी काम करना शुरू किया है. अपने आर्टिफिशियल इन्तिलिजेंस सिस्टम को हिंदी सिखाने में कुछ वक्त लगेगा, तब तक गूगल अपने सर्च इंजिन पर हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओँ को समर्थन दे ही रहा है. अंग्रेजी में भी सेक्स सम्बन्धी खोज अन्य विषयों से अधिक होती है पर उन्हें फ़िल्टर कर दिया जाता है, चीनी सरकार के आदेश के बाद चीन की भाषाओँ में सेक्स तो क्या ब्लोगिंग, ईमेल, चैट और सोशल नेट्वर्किंग भी सेंसर कर दी गई है.
वाह आदर्श.. राज जी की बात बहुत बढ़िया है, टिप्पिणयां पढ़ने में तो बहुत मज़ा आ रहा है.. लेकिन तुमने ग़ज़ब की पोस्ट लिखी है.. मैं भी कब से नेट इस्तेमाल करता हूं... लेकिन कभी इस तरफ़ ध्यान ही नहीं दिया.. तुम्हारी पोस्ट के बाद गौर किया, तो एकदम सटीक निकला...
hummmmmmmmmmmmmm
Yaar is baar to tumne Damdaar mudda uthha diya.....
Ye "Thekedaar ki Bivi.......
baap re baap......
mera ek dost bhi thekedaar hai...
kya kare hume hi ise avoid karna padega. theek hai hum matlab ki cheez hi search karenge.bas.
क्या सिर्फ़ गूगल ऐसा कर रहा है?फ़िल्मे,टीवी या अख़बारों मे विज्ञापनो के बहाने ये सब नही हो रहा है?वैसे लिखा आपने सही है।
पता नही क्या होगा ?
जिस किसी को मेरी बातों पर संदेह रहा हो वो गूगल पर जाकर देख ले. साफ हो जाएगा कि गूगल ने जानबूझकर सेक्स संबंधी सामग्री को प्रोमोट किया था. क्योंकि अब वैसा कुछ नहीं दिखाई देता.