Aadarsh Rathore
ये नज़ारा है धौला कुआं से नोएडा रुट पर चलने वाली 323 रूट की बस का। लोगों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर भरा गया है।



बस में चार गुंडे रहते हैं जो यात्रियों को गालियां बकते हैं और उनसे मारपीट करते हैं। बस को कई बार आउट ऑफ रूट भी चलाया जाता है।



और ये नज़ारा है सेम रूट पर चलने वाली सरकारी बस का। एकदम खाली, इस बस के खाली होने के पीछे के दो कारण हैं। एक 323 रूट वालों की गुंडागर्दी और दूसरा डीटीसी के भ्रष्ट कर्मचारी। डीटीसी की बस हमेशा ब्लू लाइन से 50 मीटर पीछे चलती है। अगर कभी आगे हो भी जाए तो बस को रोककर ब्लू लाइन को आगे बढ़ने दिया जाता है। इस फोटो पर गौर फरमाएं तो आगे जो एक व्यक्ति ड्राइवर से बात कर रहा है, वह 323 नंबर बस हेल्पर है जो डीटीसी ड्राइवर से सांठगांठ कर रहा है।

अब बताइए, कहां से क्या होगा इस देश का?

(माफी चाहता हूं, राष्ट्रबोध पर चोट करने की आदत हो गई है मेरी)
5 Responses
  1. क्या करें,दिल्ली में बसों का सबसे बुरा हाल है क्योंकि यहां पर बसें गुंड़ो की है, इसमें आम आदमी चलता है,उसे किसी लफड़े में नहीं पड़ना है। ये हाल हर रुट का है। और एक बात और कि इन बसों की बदमाशी का हिसाब लगाते है कॉलेज की लड़के जो उन बदमाशों से भी बड़े ग्रुप में इन बसों में चढ़ते हैं और ज़रा सी बात पर इन बदमाश बस ड्राइवरों और हेल्परों को जुतियाते हैं।


  2. बाबा रे! (बाप रे की बजाय बाबा रे इसलिये क्योंकि बाबा बाप से बड़ा होता है.)
    इधर छत्तीसगढ़ में ऐसा होता कभी दिखा नही. ना ही कभी बस में कोई गुंडागर्दी दिखाई दी. कभी कभी भीड़ होती है पर ऐसी नही. मैं बस से अक्सर रेलवे स्टेशन से घर तक आता हूं. सफ़र में कभी कोई अड़चन नही आई.
    आपकी पोस्ट पढ़कर तो डर लगता है.


  3. लानत है इन सब पर, ओर सरकार कहां सो रही है, क्या उसे नही पता यह सब? या फ़िर अपना हिस्सा मिल जाने से कानो मे रुई डाले बेठी है


  4. Anonymous Says:

    कहते हैं की भ्रष्टाचार ऊपर से शुरू हो कर जड़ तक पहुँचता है... तो कहावत सच साबित हो रही है... क्या करेंगे...!!!
    क्या शुरुआत आपसे हमसे नहीं हो सकती की हम डी टी सी की बसों का ही इस्तेमाल शुरू कर दें...???


  5. जनाब ये फोटो खेंची कहाँ से...