लघुकथा की भाषिक संरचना / बलराम अग्रवाल
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यह लेख मार्च 2024 में प्रकाशित मेरी आलोचनात्मक पुस्तक 'लघुकथा का साहित्य
दर्शन' में संग्रहीत लेख 'लघुकथा की भाषिक संरचना' का उत्तरांश है। पूर्वांश
के लि...
1 week ago
कोई दिनचर्या नहीं क्या ?
sahi hai jab wo kuchh kaam nahi karenge to aap unki dincharya likhenge kaise...
अभीशेक जी से सेहमत हू
अरे वीयर पी कर लेख लिखना भुल गये क्या ??
हा हा हा! बिल्कुल सही. बिना कुछ लिखे ही सब कुछ लिख दिया.
pad kar maja aa gaya !!!!
mere liye to ye ab tak ka sabse jabardast lekh hai,
iss lekh ki jitni tarif karo kam hai !!!!!
बहुत बढ़िया नया स्टाइल, बढ़िया है मज़ा आ गया, नीचे ये भी लिख देते कि आज बस इतना ही कल ज्यादा काम होगा