Aadarsh Rathore
गोपाल स‌िंह नेगी जी ने प्याला ब्लॉग पर जो पिछली पोस्ट लिखी थी उसमें एक बेनामी ने बेहद स‌ख्त टिप्पणी की। उस टिप्पणी को ब्लॉग स‌े तुरंत हटाना पड़ा। बेनामी ने खूब गालियां बकी थीं लेकिन उस टिप्पणी का एक हिस्सा कुछ स‌वाल खड़े करता है। उन स‌ाहब ने गोपाल जी की आलेख पर कहा था कि इस्लाम में मदिरा हराम है। बेनामी स‌ाहब ने बिलकुल स‌ही बात कही कि इस्लाम शायद दुनिया का एकमात्र धर्म है जिस‌की धार्मिक पुस्तक में मदिरा को प्रतिबंधित किया गया है। लेकिन अहम स‌वाल ये है कि क्या वाकई लोग इस बात का अनुसरण करते हैं। इतिहास में कई ऎसे स‌ाक्ष्य मिलते हैं जो बताते हैं कि बड़ी-बड़ी मुस्लिम हस्तियां शराब पीती थीं। मसलन जब बाबर ने राजपूताना में निर्णायक लड़ाई लड़ी थी तो उसमें उसने विशेष रणनीति बनाई थी। बाबर की स‌ेना लगातार कई दिनों स‌े युद्ध कर रही थी और बेहद थकी हुई थी। धीरे-धीरे उनमें उत्साह की कमी आ रही थी। ऎस‌े में बाबर ने जिहाद का ऎलान किया और मदिरा के स‌भी पात्रों को ज़मीन पर उडेल दिया। यानि मुगल स‌ेना मदिरा का इस‌्तेमाल करती थी। इस‌के बाद भी कई उदाहरण देश-दुनिया में आपको मिल जाएंगे। मसलन कई शायरों ने तो मदिरा के ऊपर ऎसिहासिक रचनाएं लिखी हैं। कई मुस्लिम देशों में शराब का उत्पादन होता है औऱ उनकी खपत भी होती है। यानि मदिरा के मामले में धर्म की पाबंदी स‌ही है लेकिन उसका अनुसरण करने वाले कितने हैं? इस‌के लिए धार्मिक शिक्षा नहीं बल्कि आदमी की प्रवृति जिम्मेदार है। यही नहीं, कई इस्लामिक मुल्कों में मदिरा पर तो प्रतिबंध है लेकिन वो लोग दूसरे नशों के आदी हैं। चूंकि इस्लाम में शराब हराम है इस‌लिए लोगों ने शराब के बजाए दूसरे नशों का रुख कर लिया है। जैसे अफीम आदि। वो इसलिए क्योंकि अफीम को हराम नहीं किया गया। मेरे विचार स‌े जिस वक्त भी शराब को हराम करार दिया होगा उसका उद्देश्य होगा कि नशे स‌े आदमी को दूर रहना चाहिए। चूंकि शराब की छवि नशीली वस्तु के रूप में स‌बसे पहले उभरती है और स‌बसे ज्यादा किया जाने वाला नशा भी यही है इसलिए शराब का जिक्र उस वक्त किया होगा। लेकिन शराब का अर्थ किसी भी नशे स‌े है। क्योंकि नशा तन, मन, धन तीनों का नाश करता है इस‌लिए इस‌े प्रतिबंधित किया गया था। लेकिन इस बात का क्या मतलब कि शराब हराम है और बाकी नशे नहीं। धार्मिक पुस्तकों को रटने स‌े ही स‌ब कुछ नहीं हो जाता, उनकी हर अनमोल बात का अर्थ स‌मझने की कोशिश करनी चाहिए। दरअसल इस‌्लाम में मात्र मदिरा ही नहीं, प्रत्येक नशा हराम है। लेकिन स‌्वार्थी मानव ने इस‌े भी अपने हिसाब स‌े ढाल लिया, क्योंकि नशा उसकी प्राथमिकता है...
17 Responses
  1. धर्म के विषय पर जितनी चर्चा करोगे, उतना ही उलझोगे। बेहतर होगा अगर शराब के वैज्ञानिक फायदे या नुकसानों के आधार पर स‌ोचा जाए। धर्म के आधार पर स‌ोचना बेवकूफी होगी।


  2. सही है आपकी बात नशा तो हर सीज़ का बुरा है इसे केवल शराब से नहीं जोडा जाना चाहिये वैसे आजकल एक नया नशा भी चल पडा है ये ब्लोगिँग का इसका क्या करें


  3. dharm ki baat nai ha. nasha kisi ko bhi nai karna chahiye


  4. you are righr Mr. Aadarsh, people have interpreted religions according to their needs


  5. अजी जिस अनामी ने आप को टिपण्णी कर के गालिया दी, वो असल मे अपने धर्म को मानता ही नही, अगर वो अपने धर्म को मानता तो शराब अगर हराम है तो उसे यह भी पता होना चाहिये गालिया देना भी हराम है, चोरी करना भी हराम है, ओर उस ने यह दोनो कर किये है, यानि उस ने आप को गालिया दी, फ़िर चोरी(अंजान बन कर किसी के घर या ब्लांग मै घुसना चोरी नही तो क्या है) जरुर खुदा उसे जह्न्नूम मै भेजे गा, आप बेफ़िकर रहे....


  6. Yachna Says:

    आपने सही मुद्दा उठाया है। अपनी साइड बार में आपने लिखा है कि समलैंगिता पर अगला लेख लिख रहे हैं। आपने दो अलग मुद्दों पर पोस्ट लिख दी लेकिन समलैंगिकता पर नहीं लिखा। या तो उस विषय पर लिखें या उस कमिंग अप फीचर को हटा दें।
    धन्यवाद


  7. Crazy Codes Says:

    dharm humesha se uljhan bhara vishay raha hai... haan jahan tak baat hai nashe ki to nasha bura nahi hai... sawaal ye jaroor hai ki nasha kis chhej ka hai... achhe kaam ka nasha hai to aise nashe-khot ko mera salaam... wasie tomain v sharaab ka sevan karta hun par kabhi v uski giraft mein nahi aaya... mere khyaal se tab tak thik hai...


  8. शराब पीना कोई जुर्म तो है नहीं। तो पीना औऱ छोड़ना पीने पिलाने पर छोड़ों न यार। क्यों सर खपाते हो इस मामले पर। शराब का कोई धर्म नहीं होता है


  9. Anonymous Says:

    आप इस बात को दूसरे ढंग से भी रख सकते थे, इसमें इस्लाम को घसीटने की क्या ज़रूरत थी?
    पेशे से पत्राकर हैं फिर भी इस तरह की सोच रखते हैं. साफ ज़ाहिर होता है कि हिन्दुस्तान में मुस्लिमों के खिलाफ दूसरे धर्म के लोगों में कितने पुर्वाग्रह हैं


  10. Anonymous Says:

    आप इस बात को दूसरे ढंग से भी रख सकते थे, इसमें इस्लाम को घसीटने की क्या ज़रूरत थी?
    पेशे से पत्राकर हैं फिर भी इस तरह की सोच रखते हैं. साफ ज़ाहिर होता है कि हिन्दुस्तान में मुस्लिमों के खिलाफ दूसरे धर्म के लोगों में कितने पुर्वाग्रह हैं


  11. बिलकुल सही कहा है. जिस ने भी वो टिपण्णी की होगी, तालिबानी दिमाग वाला रहा होगा. कुछ लोग अत्यधिक intolerant होते हैं.


  12. Unknown Says:

    nasha kisi bhi chrrj ka ho
    achha to nahin hi hota

    aur jo achha nahin hota vo bure ke alava kya ho sakta hai ?


  13. Amit Says:

    ना-तज़ुर्बाकारी से वायज़ की ये बाते हैं।
    इस रंग को क्या जानें, पूछो जो कभी पी है।।

    अब बेनामी हमें सिखाएंगे सभी धर्मों का सम्मान करना। हमें उन डरपोकों से सीखनी होगी धर्मनिरपेक्षता और नैतिकता जिनके अंदर अपने नाम से कमेंट करने का साहस तक नहीं है।
    हद है....।


  14. Anonymous Says:

    वैसे इस्लाम में शराब हराम नहीं है.
    http://www.free-minds.org/alcohol2

    गीत संगीत हरम नहीं है, टीवी सिनेमा हराम नहीं है. यह सब मुल्लों द्वारा फैलाई गई असत्य बाते हैं.

    और आप इन्हें हराम मानते हैं तो जान लें की लगभग सभी मुस्लिमों ने कभी न कभी फोटो खिंचवाई या टीवी, सिनेमा देखकर अपना मन बहलाया है,मुसलमानों में भी शराब-सिगरेट का प्रयोग कुछ कम प्रचलित नहीं है, तो नशा करने वाले और टीवी देखने वालों ने हराम कार्य जाने अनजाने इस्लाम से बगावत कर ही दी!


  15. @ अनामी/ आनमिका जी..
    अजी भाई आप अच्छी अच्छी बात भी कर रहे है ओर नाम भी छुपा रहे है, केसे मित्र हो , चलिये अब नकाब उतार कर सामने आये, आप का कोई भी धर्म हो इस से कोई फ़र्क नही पडता, बस जो भी कहो सामने आ कर कहो, यह तो सब को पता है कि नशा करना खराब है, फ़िर किसी ने भी इस्लाम को बुरा नही कहा, इस ब्लांग जगत मै ओर इस से बाहर भी हम सब के दोस्तो मे सभी धर्मो के दोस्त है, सभी मिलजुल कर रहते है , इस लिये ऎसा सोचना कि एक मुस्लिम ने या एक हिन्दू ने हमारे धर्म की बेज्जती कर दी बहुत ऒछी बात लगती है, यह बाते सिर्फ़ राज नीति मै चलती है, आम आदमी मेरे आप जेसा है, जिन की नजर मै सब धर्म एक जेसे है.
    धन्यवाद


  16. आदर्श जी अपने बहुत ही अकाट्य तर्क प्रस्तुत किया हैं..........अरे बेनमियों......अगर थोड़ा भी समझ हैं तो........फिर से प्याला उठाओ और पीकर देखो.......बहुत ही आनंददायक नशा है इन लेखों मे.........
    आदर्श भाई पता है आप ऐसी तार्किक बातें कैसे लिख पाते हैं क्योंकि आप शिक्षित हैं और...........खैर मैं एक दूसरी बहस को जन्म नहीं देना चाहता.........वाकई उत्कृष्ट लेखन.....


  17. PD Says:

    agar anaam mitra ke karan yah post likha gaya hai to chhodiye un logon ki baaten.. :)