Aadarsh Rathore
क्या आदमी की आत्मा अपवित्र हो सकती है? अगर हो जाए तो क्या एक हवन से शुद्ध हो जाती है? और उस आदमी की आत्मा कितनी कमज़ोर होगी जो किसी के सम्पर्क भर में आने से दूषित हो जाए? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो उठे हैं एक अजीब किस्म के आयोजन के बाद। पीलीभीत में विश्व हिन्दू परिषद ने एक कार्यक्रम का आयोजन कर वरुण गांधी का शुद्धिकरण किया। वरुण गांधी खुद इस मौके पर पहुंचे थे। विश्व हिन्दू परिषद पहले से ही ऐसे आडम्बरपूर्ण आयोजन करती रही है। लेकिन भला वरुण का शुद्धिकरण करने की क्या नौबत आ गई?

दरअसल तीन दिन पहले वरुण गांधी अपने चुनाव प्रचार के लिए निकले थे। एक जगह पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने वरुण का काफिला रोका और उन्हें फूलमालाओं से लाद दिया। ये लोग वरुण की जयकार कर रहे थे। इस खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता से छापा। पीलीभीत से वीएचपी जिलाध्यक्ष दीपक अग्रवाल और वीएचपी के पूर्व मंत्री प्रकाश सिंह ने एक चैनल से बात करते हुए बताया कि जब एक समाज विशेष के लोगों ने वरुण गांधी का स्वागत किया तो हमने उनका शुद्धिकरण करने का फैसला किया। वरुण तुरंत मान गए। दीपक अग्रवाल ने बताया कि वरुण ने सफाई देते हुए कहा है कि उन्हें गुमराह करके मुस्लिमों के कार्यक्रम में ले जाया गया। एक षडयंत्र रचा गया है।

अखबारों में वरुण के मुस्लिमों के साथ छपे फोटो और खबर से वरुण डर गए होंगे। वरुण को लगा होगा कि हिन्दू मतदाता कहीं नाराज़ न हो जाएं। इसलिए चली एक नई चाल और पहुंच गए शुद्धिकरण करने। वीएचपी कार्यकर्ताओं ने एक पंडित बुलाया, कुछ लोग और एक हवन का आयोजन कर दिया। जिस तरह से वीएचपी के कार्यकर्ता कह रहे हैं उससे साफ ज़ाहिर होता है कि वरुण की अकड़ गई नहीं है।

अफसोस की बात है कि अफसोस की बात है कि वरुण गांधी की मां जो कि दुनिया भर में पशु अधिकारों, मानवीय समानता की बातें करती फिरती हैं, वो अपने बेटे को ज्ञान नहीं दे पाईं।

कुछ भी हो, इस घटना से एक बात तो साफ हो जाती है कि वरुण को वाकई शुद्धिकरण की ज़रूरत है, शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक शुद्धिकरण की ......
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4 Responses
  1. शुद्धिकरण के नाम पर चली सियासत चाल।
    अधिक वोट कैसे मिले साजिश करे कमाल।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com


  2. आदर्श भैया, आप मीडिया वाले हो. इसीलिये आपसे एक बात कहनी थी. पूरा मीडिया हमेशा बड़े नेताओं, बड़ी पार्टीयों की चर्चा करता रहता है. अब भले ही उसमें आलोचना ही होती है.
    पर कई क्षेत्रों से कुछ ईमानदार निर्दलीय लोग भी खड़े होते हैं. उनके बारे में जनता जान भी नही पाती है. और मीडिया उनके बारे में चर्चा नही करता.
    ऐसा क्यों? अगर मीडिया निर्दलीय लोगों को भी कवरेज दे तो नये लोगों को भी वोट मिलना शुरु हो जायेंगे. और देश की राजनीति में बदलाव आयेगा.

    उदाहरण के लिये स्टार न्यूज कहिये नेताजी में हमेशा बड़ी पार्टियों के नेताओं को खड़ा करता है. और जनता उनसे सवाल करती है.
    अल्टीमेटली प्रोग्राम के अंत तक खूब शोर शराबा शुरू हो जाता है.
    क्या स्टार न्यूज कुछ निर्दलीय उम्मीद्वारों के बीच एक स्वस्थ बहस नही करवा सकता है ताकि जनता को नये लोगों के बारे में पता चले.


  3. Anonymous Says:

    आत्मा शुद्ध हो तो किसी शुद्धिकरण की जरुरत नही है..लेकिन अगर मन में मैल हो तो बड़े बड़े यज्ञ भी आपको शुद्ध नही कर सकते.....फ़सादी


  4. वैसे हम देख रहे थे अपने वरुण जिस माइक से भाषण दे रहे थे उसपे किसी शादाब का नाम लिखा था ....क्या क्या शुद्ध करेंगे ?