Aadarsh Rathore
आर्थिक मंदी के चलते दुनिया भर में कंपनियों से निकाले जा रहे कर्मचारियों की तरफ़ से कंपनियों के मालिकों के लिए

जब सोते थे तुम आराम से
हर रात घर पर अपने,
जगते थे हम उन रातों को
पूरा करने को आपके सपने।

हमारी मेहनत से
पहुंची तुम्हारी कंपनी बुलंदियों पर
की तरक्की इसने
दिन दुगनी रात चौगुनी।

लेकिन आज ये क्या हुआ
बुरा वक्त आते ही मार दी ठोकर?
बिना ये सोचे
कि कहां जाएंगे हम ये नौकरी खोकर

तुम्हें कंपनी से रोज़गार नहीं
मुनाफ़ा मिलता है,
लेकिन यहां काम करने पर
आमदनी से हमारा चूल्हा जलता है।

कम हो जाए अगर तुम्हारा मुनाफा
तब भी करोड़ों के मालिक रहोगे तुम,
पाल सकते हो फिर भी
अपने जैसे सौ परिवारो को।

लेकिन महज मुनाफ़ा बढ़ाने के लिए
तुमने हमें हटा दिया,
पहले तो किए झूठे वादे
आज टर्मिनेशन लेटर थमा दिया?
7 Responses
  1. Unknown Says:

    very good dost. its nice expression at right time. it makes a new blow in the hear of lots of terminated employees. but i cnt sine off without saying, u r good to use the photograph.....


  2. Unknown Says:

    very good dost. its nice expression at right time. it makes a new blow in the hear of lots of terminated employees. but i cnt sine off without saying, u r good to use the photograph.....


  3. वाह ! क्‍या खूब लिखा है।


  4. तुम्हें कंपनी से रोज़गार नहीं
    मुनाफ़ा मिलता है,
    लेकिन यहां काम करने पर
    आमदनी से हमारा चूल्हा जलता है।
    *********
    vartmaan paristhiti aur pareshaniyon ,dard ka bada hi sahi aanklan aur chitran kiya hai aapne.sadhuwaad.


  5. Unknown Says:

    सही बात कही है आपने. मेरे एक रिश्तेदार के साथ भी यही हुआ. वह एक बहुत ऊंची बातें करने वाले एक बेंक में काम करता था. एक दिन उसे कह दिया गया - धन्यवाद, अब हमें आपकी जरूरत नहीं है. बहुत ग़लत बात है यह.


  6. Anonymous Says:

    आपको अमरीकी तनख्वाह, कार्यसंस्कृति से इंकार नहीं है तो अमरीकी प्रबंधकीय तौर तरीकों से आपत्ति क्यों? क्या ज्वाइन करने से पहले किसी को इतना भी पता नहीं रहता की यह पैसा तो है पर जॉब सिक्योरिटी नहीं, फ़िर शिकायत क्यों?


  7. Anonymous Says:

    cool blog