Aadarsh Rathore

क्या आपने कभी किसी को लव लेटर भेजा है? संभवत: हमारी वाली जेनरेशन आखिरी जेनरेशन है, जिसने लव लेटर या प्रेम पत्र इस्तेमाल किया होगा। मैं तो ऐसा नहीं कर पाया, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि जब मैं तीसरी क्लास में पढ़ता था, तब मेरे एक क्लासमेट ने क्लास में नई आई एक लड़की को 'प्रेम पत्र' भेजा था।
मैं हमेशा यह सोचकर हैरान रहता था कि इतनी कम उम्र में जनाब को ऐसा करने की प्रेरणा कैसे मिली होगी। कमाल की बात यह है कि जब वह लड़का 'प्रेम पत्र' लिख रहा था, तब हम कुछ और लड़के भी आसपास बैठे थे। उसने बड़ी ही सादगी से कागज पर सबसे ऊपर लिखा: बम-बम भोले, जिसकी चिट्ठी वही खोले। इसके बाद 3 लाइनें लिखी थीं, जो शायद इस तरह से थीं-
'प्रिय *****, मैं जब भी तुम्हें देखता हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। मुझे तुम्हारे पास बैठना पसंद है। मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं।'

जब यह सब लिखा जा रहा था, तब मुझे पता नहीं चल रहा था कि यह क्या हो रहा है। न ही ऐसा महसूस हुआ कि यह सब गलत है या हमारी उम्र के हिसाब से कुछ ज्यादा ही अलग व्यवहार है। इसका अहसास तब हुआ जब मेरे उस क्लासमेट ने किसी के जरिए उस लड़की तक वह कागज का पुर्जा पहुंचा दिया। इसके बाद लड़कियों के खेमे में जो खुसर-पुसर शुरू हो गई, तब लगा कि मामला कुछ गड़बड़ है।

वह 'प्रेम पत्र' एक टीचर तक पहुंचा और फिर तमाम टीचर्स बारी-बारी से उसे पढ़ने लगे। कुछ हंस रहे थे, कुछ गंभीर थे। इसके बाद पहले तो उस आशिक की धुनाई हुई। रोते-रोते उसने कहा कि जब मैं यह लिख रहा था, तो आदर्श और बाकी लड़के भी साथ थे। बस फिर क्या था, सबकी ऐसी परेड हुई कि जिंदगी में कभी प्रेम पत्र लिखने की हिम्मत नहीं पड़ी। 
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