Aadarsh Rathore
मेरे गांव की सूरत ही नहीं, गांववालों की सीरत भी बदली हुई नजर आती है
देख मेरे गांव की तरक्की ऐ दिल्ली! तू व्यर्थ ही अपने विकास पर इतराती है...
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