दो घड़िया रा जीणा ओ माणुआ
जी लै तू जी भरी ने,
जेढ़ा मना हूं आंदा करी लै
कजो रैंदा तू डरी-डरी के।।
ड़ेसी-पड़ेसी, रिश्तेदार
झूठा हा इन्हा सभी रा प्यार,
ताने मारने कने गल्लां करने हूं
सबके सब बड़े होशियार।।
तेरी जिंदगी तेरी अपणी
कुसी होरी रा कोई अधिकार नई,
मत सोच कि लोका क्या ग्लाणा
तिन्हा गल्लां रा कोई आधार नई।।
मत कर कुसी री नकल
भाल जरा दिला हूं अपणे,
सारी चाहतां, सारी ख्वाहिशा
पूरे करी लै तू सारे सुपणे।।
(हिमाचली रैप के लिए तैयार किया था)
जी लै तू जी भरी ने,
जेढ़ा मना हूं आंदा करी लै
कजो रैंदा तू डरी-डरी के।।
ड़ेसी-पड़ेसी, रिश्तेदार
झूठा हा इन्हा सभी रा प्यार,
ताने मारने कने गल्लां करने हूं
सबके सब बड़े होशियार।।
तेरी जिंदगी तेरी अपणी
कुसी होरी रा कोई अधिकार नई,
मत सोच कि लोका क्या ग्लाणा
तिन्हा गल्लां रा कोई आधार नई।।
मत कर कुसी री नकल
भाल जरा दिला हूं अपणे,
सारी चाहतां, सारी ख्वाहिशा
पूरे करी लै तू सारे सुपणे।।
(हिमाचली रैप के लिए तैयार किया था)
jab aap himaachali mei likhte hai to saath mei anuvaad bhi de diya kare
दो पल का जीवन है मानव
जी ले तू जी भर के
जो भी मन में आता है कर ले
क्यों रहता है डर-डर के।।
पड़ोसी हो यां रिश्तेदार
झूठा है इनका प्यार,
ताने मारने और उलाहना देने में
सब के सब हैं बड़े होशियार।।
तेरी जिंदगी है तेरी अपनी
किसी और का इसपे अधिकार नहीं
मत सोच कि लोग क्या कहेंगे
उनकी बातों का कोई आधार नहीं।।
मत कर किसी की नकल
देख जरा दिल में अपने
सभी चाहतें, सभी ख्वाहिशें
पूरे कर तू अपने सपने।।