ब्लॉगिंग के लिए एक नया ख़तरा पैदा हो गया है। और ये खतरा किसी और ने नहीं बल्कि गूगल ने पैदा किया है। हालांकि ये मेरी निजी राय हो सकती है लेकिन गूगल द्वारा शुरु की गई बज़ (BUZZ)सेवा ब्लॉगिंग के लिए खतरे की घंटी है। मुझ जैसे लोग जो अपने मन में उठे विचारों, भावनाओं, अनुभवों और कल्पनाओं को ब्लॉग में उतारते हैं, असल समस्या उन्ही के लिए है। क्योंकि अब बज़ आने से हम आसानी से वहीं पर माइक्रो पोस्ट डाल रहे हैं.. और वहीं उत्तर-प्रत्युत्तर का दौर भी चल रहा है। मैं ये नहीं कहता कि ये सेवा बुरी है लेकिन मुझे तो ये ब्लॉगिंग के लिए बाधक लगती है। मैं अगर अपनी बात करूं तो पिछले कई दिनों से वहीं पर अपने मनोभावों को लिख रहा हूं और वहां पर रेस्पॉन्स भी अच्छा मिल रहा है। ऐसे में मैं ब्लॉगिंग के लिए समय ही नहीं निकाल पाया। वरन् मन में उठे भावों को बांटने के लिए मैं तुरंत ब्लॉग का सहारा लेता था।
इस बार भी मेरे मन में जब बज़ को लेकर ये विचार आया तो इसे मैंने बज़ में ही पोस्ट कर दिया। फिर मैने सोचा कि नहीं, इसे ब्लॉग पर लिखूं ताकि मैं दूसरे लोगों की राय भी जान सकूं। आपको क्या लगता है...?
इस बार भी मेरे मन में जब बज़ को लेकर ये विचार आया तो इसे मैंने बज़ में ही पोस्ट कर दिया। फिर मैने सोचा कि नहीं, इसे ब्लॉग पर लिखूं ताकि मैं दूसरे लोगों की राय भी जान सकूं। आपको क्या लगता है...?
वैसे buzz के बारें में जायदा तो नहीं जानकारी नहीं लकिन ......ब्लोगिंग कि दुनिया तो अलग ही है .....और आप भी अपने विचार जरूर प्रकट करते रहिएगा
buzz के बारे मे कोई खास जानकारी नही है....लेकिन आप ब्लोगिंग करते रहें...आप ने जो खतरा बताया...वह ज्यादा बड़ा नही है....अपनी पोस्टे दोनो जगह डाल दे..
आप भी जल्दी ही उकता गए। वडनेरकर जी ने तो दो दिन में ही परेशान हो उठे थे।
कोई नहीं महाराज ब्लागिंग करते रहिये और अपने विचार के साथ मुद्दे भी उठ दीजिये
हमने भी बुज बन्द कर दिया