Aadarsh Rathore
ये व्यथा है एक मां की...। एक ऐसी मां जो अपने बेटे को खो चुकी है और आज अकेली इस देश की क्रूर व्यवस्था के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है। जिस मां के बारे में मैंने पिछली पोस्ट में लिखा है, ये उसी मां की आवाज़ है। वो अभागी मां जो अपने घायल बेटे को इस उम्मीद से अस्पताल ले गई ताकि उसका इलाज हो सके। लेकिन वहां पर मौजूद 'भगवानों' ने जो किया उससे मानवता भी शर्मिन्दा हो जाए। इस क्लिप को सुनिए और खुद तय कीजिए कि हमारा देश कहां खड़ा है।
4 Responses
  1. दुखद है अब इस मामले को देखकर लगता है कि आखिर लो व्यवस्था को प्रशासन को दोष न दें तो क्या करें


  2. आदर्श.. बेहतरीन कोशिश की है तुमने.. वाकई बहुत दुखद है..



  3. वाकई में बहुत ही दुखद घटना है।