कल साप्ताहिक अवकाश था। अपने मित्र अभिषेक के साथ सायं काल घूमने निकला। हमने दक्षिणी दिल्ली में साकेत स्थित सलेक्ट सिटी वॉक मॉल घूमने का कार्यक्रम बनाया। सलेक्ट सिटी वॉक मॉल में प्रदक्षिणा कर रहे थे। इतने में अभिषेक ने कहा कि उसने सोहा अली खान को देखा...। मैंने कहा अरे तुझे भ्रम हुआ होगा। इस मॉल में विचरण कर रहा हर चेहरा बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकाराओं के कम नहीं है। उसने कहा कि नहीं वाकई सोहा अली ख़ान ही थी। मैंने कहा कि कहां देखा..? उसने मुझे पीछे मुड़कर एक रेस्तरां के शीशे के उस पार देखने को कहा। मैंने देखा कि वाकई सोहा अली ख़ान ही थी। जॉय लक मून चाइनीज़ रेस्तरां में वो एक अन्य युवती के साथ बैठकर कुछ खा रही थी। हरे रंग के टॉप में वाकई बहुत आकर्षक नज़र आ रही थी सोहा...।
खास बात ये कि बिना मेकअप के भी वो वैसी ही दिखती है जैसे कि फिल्मों में। यानि कोई खास अंतर नहीं...। सादगी भरी खूबसूरती से संपन्न। चलते-चलते देखा तो कदम ठिठक गए। लेकिन इतने में सोहा के साथ बैठी युवती ने हमें देख लिया। हमें देख वो असहज हो गई। शायद वो भयभीत हो उठीं कि कहीं कोई समस्या खड़ी न हो जाए। हमने उनके मनोभावों को पढ़ लिया और नैतिकता के आधार पर आगे बढ़ गए ताकि वाकई उनके लिए कोई समस्या न खड़ी हो जाए। ऐसे में फोटो भी नहीं खींच सका...। इस तरह मैं और अभिषेक बतियाते हुए घर पहुंच गए। हालांकि सोहा से पहले भी कई फिल्मी हस्तियों से रू-ब-रू हुआ हूं लेकिन सोहा जैसा आकर्षण कहीं नज़र नहीं आया।
खास बात ये कि बिना मेकअप के भी वो वैसी ही दिखती है जैसे कि फिल्मों में। यानि कोई खास अंतर नहीं...। सादगी भरी खूबसूरती से संपन्न। चलते-चलते देखा तो कदम ठिठक गए। लेकिन इतने में सोहा के साथ बैठी युवती ने हमें देख लिया। हमें देख वो असहज हो गई। शायद वो भयभीत हो उठीं कि कहीं कोई समस्या खड़ी न हो जाए। हमने उनके मनोभावों को पढ़ लिया और नैतिकता के आधार पर आगे बढ़ गए ताकि वाकई उनके लिए कोई समस्या न खड़ी हो जाए। ऐसे में फोटो भी नहीं खींच सका...। इस तरह मैं और अभिषेक बतियाते हुए घर पहुंच गए। हालांकि सोहा से पहले भी कई फिल्मी हस्तियों से रू-ब-रू हुआ हूं लेकिन सोहा जैसा आकर्षण कहीं नज़र नहीं आया।
ho sakta hai ki soha wahan wo makeup karke hi aayin ho....
सिर्फ़ मुलाकात हुई... या कोई बात भी हुई... वैसे सादगी सबसे बड़ी खूबसूरती होती है...
क्या बात है आदर्श मजे आ गये भाई...मुझे भी बता दिया होता, लेकिन एक बात कहूं ये फितरत है हम लड़को कि जिस लड़की को टीवी पर देखा हो उसे एकबारगी आमने सामने से देख लें तो यकीन ही नहीं होता, औऱ जब किसी चीज पर यकीन नहीं होता तो उसे हम भुलावे में सुंदर जान लेते हैं,,हाहाहाह