खूबसूरती किसमें है, शहर की चकाचौंध में या गांव की सादगी में? शहर में रहकर हम प्रकृति से बहुत दूर हो गए हैं। शायद हम भूल गए हैं कि खूबसूरती क्या होती है। अचानक से आई स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं की वजह से ब्लॉगिंग से वाकई दूर होना पड़ा। स्वास्थ्य लाभ के लिए इन दिनों प्रकृति के आंचल में अपने जन्मस्थान हिमाचल प्रदेश में हूं। कई दिनों से अपना गांव याद आ रहा था। एक पोस्ट में मैंने लिखा था कि देखते हैं कि शहर की चकाचौंध कब तक गांव जाने से मुझे रोक पाती है। अब गांव में पहुंच तो गया लेकिन खराब स्वास्थ्य के कारण। खैर वजह जो भी रहे, अब ठीक हो रहा हूं। थोड़ा चलने-फिरने लायक हुआ तो गाड़ी लेकर आसपास घूमने निकल गया। अपने मोबाइल के कैमरे से कुछ तस्वीरें खींची हैं। सोचा आपके साथ बांट लूं।
(बड़े आकार में देखने के लिए चित्रों पर क्लिक करें)
मेरे पैतृक गांव भालारिढ़ा को जाती कच्ची लेकिन खूबसूरत सड़क
गांव में ही सूर्यास्त का नज़ारा
और ये है पास के गांव डोहग में सूर्यास्त का दृश्य
डोहग गांव में घास चरता एक पशु
एक और शॉट
अब जिस वाहन पर घूमने निकला था उसे कैसे भूल सकता हूं
यहां पर इंटरनेट की गति बहुत मंद है। इस वजह से अधिक छायाचित्र अपलोड नहीं कर पाया। जब दिल्ली वापस आऊंगा तो कुछ और छायाचित्र प्रकाशित करूंगा। बस एक सप्ताह और...
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मेरे पैतृक गांव भालारिढ़ा को जाती कच्ची लेकिन खूबसूरत सड़क
गांव में ही सूर्यास्त का नज़ारा
और ये है पास के गांव डोहग में सूर्यास्त का दृश्य
डोहग गांव में घास चरता एक पशु
एक और शॉट
अब जिस वाहन पर घूमने निकला था उसे कैसे भूल सकता हूं
यहां पर इंटरनेट की गति बहुत मंद है। इस वजह से अधिक छायाचित्र अपलोड नहीं कर पाया। जब दिल्ली वापस आऊंगा तो कुछ और छायाचित्र प्रकाशित करूंगा। बस एक सप्ताह और...
भाई सुंदर जगह रहते हों आपका वाहन वो था जिसमें चार पहिये थे या वो था जिसके चार पैर थे हाहाहाहह। मस्त जगह है यार कभी घूमने आउंगा
वाह राठौर जी वाह .....मज़ा आ गया |
सच में आदर्श जी प्रकृति का आनंद लेना होता तो गांवों की तरह रुख कीजिए....और आपका गांव को वाकई में बहुत खूबसूरत है...कभी हमें भी आपके गांव की सैर कराएं....
आखिर ब्लॉगिंग का मोह नहीं छुट पाया न....वो मोह ही क्या जो छुट जाय......
प्रकृति की गोद
आज भी है
उतनी ही मनमोहक
जितनी कल थी
क्योंकि
यही तो है
उसकी प्रकृति
जो हर किसी को
लगती है आकर्षक
मोह लेती है
जिसकी हर आकृति
वाह, घर के बाहर रह कर घर की तस्वीरें देखने का आनंद ही कुछ और है। आस-पास की जगहों की तस्वीरें भी प्रकाशित करें तो मज़ा दोगुना हो जाए!
maharaaj main bhi do din ke liye ghar gaya tha....aanand aa gaya.
chitra dekhkar prateet hota hai ki aap poora aanand le rahe ho pahadon me ghumne ka...
BEAUTIFUL INDEED ! WAITING FOR MORE INFORMATION ON THE SURROUNDINGS OF UR VILLAGE . DO UPLOAD MORE PICS. SOON ! THE ROAD AMIDST GREEN GRASS IS INVITING ME !
BEFORE BUYING ESTILO ,I HAD A SIMILAR WHITE MARUTI-800 AND I MISS IT . AMONG ALL SMALL CARS M800'S PERFORMANCE IS A-ONE !
sachmuch adarsh ji prakriti ki asli khoobsoorti toh gaavon me hi hai....aapke dwara prakashitsabhi chitra bahut hi manmohak hain.....laajwaab........