हंसते चेहरों
और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच
एक उदास चेहरा,
बैठा है खामोश,
उसके पैरों के पास
पड़ा है हंसी का मुखौटा
जाने किस चीज़ का
वह कर रहा है इंतज़ार...
और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच
एक उदास चेहरा,
बैठा है खामोश,
उसके पैरों के पास
पड़ा है हंसी का मुखौटा
जाने किस चीज़ का
वह कर रहा है इंतज़ार...
waah...........kya khoob likha hai.
ismein bhi ek baat hai ..khoob kaha
Meri Kalam - Meri Abhivyakti
खामोशी से मुस्कराहट का इन्तेज़ार करना सीखना ही पड़ता है ....
ye udaas chehra avashya hi tumhaara hai.....