उसकी बात / बलराम अग्रवाल
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[लघुकथा का यह ड्राफ्ट आज 09-02-25 को एक पुरानी डायरी में रखा मिला है। इस पर
तारीख नहीं लिखी। कथ्य और ड्राफ्ट की प्रकृति को देखते हुए 1975 तक कभी लिखी
गई ...
3 months ago
काबिले तारीफ़....मैं तो अभी तक सोच रहा हूँ....कि इतनी अच्छी प्रस्तुति कैसे संभव है?....मेरे लिए एक पहेली ही है.....
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विलुप्त होती... नानी-दादी की बुझौअल, बुझौलिया, पहेलियाँ....बूझो तो जाने....
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http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_23.html
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....
really same on us yaar....