दो भक्तों की कथा / बलराम अग्रवाल
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"सर, आज की परिस्थिति में 'भक्त' और 'अंधभक्त' में क्या अन्तर है?"
"जो लोग एक खास खेमे का राग अलापते हैं, वे भक्त हैं और अपने खेमे से बाहर
वाले समस्त रागिय...
2 months ago
काबिले तारीफ़....मैं तो अभी तक सोच रहा हूँ....कि इतनी अच्छी प्रस्तुति कैसे संभव है?....मेरे लिए एक पहेली ही है.....
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विलुप्त होती... नानी-दादी की बुझौअल, बुझौलिया, पहेलियाँ....बूझो तो जाने....
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http://laddoospeaks.blogspot.com/2010/03/blog-post_23.html
लड्डू बोलता है ....इंजीनियर के दिल से....
really same on us yaar....