धिक्कार है कोलकाता नाइट राइडर्स पर...। आईपीएल सीज़न 3 का मुझे बेसब्री से इंतज़ार था...। अपनी पसंदीदा टीम कोलकाता नाइट राइडर्स का मैच देखने के लिए कितना बेचैन था मैं...। मुझे उम्मीद थी कि इस बार नाइट राइडर्स पिछले साल के सभी कटु अनुभवों को भुलाते हुए धमाका करेंगे...। मुझे पूरा भरोसा था कि मेरा पसंदीदा खिलाड़ी सौरव गांगुली एक बार फिर अपने बल्ले की धार दिखाएगा और अपनी कप्तानी के बल पर इस बार केकेआर को चैंपियन बनाएगा...।
आज सुबह से ही इंतज़ार कर रहा था कि कब मैच शुरु हो..। आठ बज गए लेकिन मैच अपने निर्धारित समय से कुछ देर बाद शुरु हुआ...। इस वक्त तक मेरे चेहरे की चमक और दिल की धड़कनें बढ़ चुकी थीं...। लेकिन जिस तरह से बड़बोले मनोज तिवारी ने अपना विकेट खोया, उससे मेरे दिल को बेहद ठेस पहुंची...। ये वही मनोज हैं जिन्होंने आईपीएल सीज़न वन में कहा था कि उन्हें अफसोस है कि केकेआर ने उन्हें नहीं खरीदा...। मनोज ने कहा था कि मैं साबित करके दिखाऊंगा कि केकेआर की बोली लगाने वालों का फैसला गलत था...। लेकिन बड़बोले मनोज दोनों सीज़न में फेल हुए थे...। इस बार उन्हें होम टीम कोलकाता की तरफ से खेलने का मौका भी मिला लेकिन उन्होंने वाकई साबित कर दिया कि वो नकारा हैं...। शायद एसआरके को पछतावा हो रहा होगा...।
खैर, पहला विकेट गिरने पर मेरा फेवरिट खिलाड़ी मैदान पर था...। लेकिन दादा ने पहली गेंद पर ही लक्ष्ण दिखा दिए कि उन्हें टिकना नहीं है...। बाहर जाती हुई गेंद के साथ छेड़खानी करने की कोशिश लेकिन आखिरी वक्त पर सुधार लिया और बल्ला वापस खींच लिया...। लेकिन अगली गेंद पर दादा ने वही गलती की और प्रसाद की तरह अपना कैच स्लिप में थमा दिया...। आह! हृदयाघात नहीं हुआ मुझे बस... बाकी और क्या गुज़री है... वो मैं अभिव्यक्त नहीं कर सकता...।
कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिखते हैं...। कुछ ऐसा ही इस मैच में दिख रहा है...। मैं अब रोमांच खो चुका हूं... और अब इच्छा भी नहीं है मैच देखने की...। बहरहाल इस वक्त 8.3 ओवर बीत चुके हैं.. 50 रन केकेआर ने बनाए हैं... और 4 विकेट उखड़ चुके हैं...। साफ है कि केकेआर में कुछ सुधार नहीं हुआ है...। वर्दी का रंग बदल देने से खेल में सुधार नहीं होता भाई लोगों... कोई समझाओ इन लोगों को...। और अंत में दिल पर पत्थर रखकर आज पहली बार कहना पड़ रहा है..
इस गांगुली को बाहर बिठाओ यार....
आज सुबह से ही इंतज़ार कर रहा था कि कब मैच शुरु हो..। आठ बज गए लेकिन मैच अपने निर्धारित समय से कुछ देर बाद शुरु हुआ...। इस वक्त तक मेरे चेहरे की चमक और दिल की धड़कनें बढ़ चुकी थीं...। लेकिन जिस तरह से बड़बोले मनोज तिवारी ने अपना विकेट खोया, उससे मेरे दिल को बेहद ठेस पहुंची...। ये वही मनोज हैं जिन्होंने आईपीएल सीज़न वन में कहा था कि उन्हें अफसोस है कि केकेआर ने उन्हें नहीं खरीदा...। मनोज ने कहा था कि मैं साबित करके दिखाऊंगा कि केकेआर की बोली लगाने वालों का फैसला गलत था...। लेकिन बड़बोले मनोज दोनों सीज़न में फेल हुए थे...। इस बार उन्हें होम टीम कोलकाता की तरफ से खेलने का मौका भी मिला लेकिन उन्होंने वाकई साबित कर दिया कि वो नकारा हैं...। शायद एसआरके को पछतावा हो रहा होगा...।
खैर, पहला विकेट गिरने पर मेरा फेवरिट खिलाड़ी मैदान पर था...। लेकिन दादा ने पहली गेंद पर ही लक्ष्ण दिखा दिए कि उन्हें टिकना नहीं है...। बाहर जाती हुई गेंद के साथ छेड़खानी करने की कोशिश लेकिन आखिरी वक्त पर सुधार लिया और बल्ला वापस खींच लिया...। लेकिन अगली गेंद पर दादा ने वही गलती की और प्रसाद की तरह अपना कैच स्लिप में थमा दिया...। आह! हृदयाघात नहीं हुआ मुझे बस... बाकी और क्या गुज़री है... वो मैं अभिव्यक्त नहीं कर सकता...।
कहते हैं कि पूत के पांव पालने में ही दिखते हैं...। कुछ ऐसा ही इस मैच में दिख रहा है...। मैं अब रोमांच खो चुका हूं... और अब इच्छा भी नहीं है मैच देखने की...। बहरहाल इस वक्त 8.3 ओवर बीत चुके हैं.. 50 रन केकेआर ने बनाए हैं... और 4 विकेट उखड़ चुके हैं...। साफ है कि केकेआर में कुछ सुधार नहीं हुआ है...। वर्दी का रंग बदल देने से खेल में सुधार नहीं होता भाई लोगों... कोई समझाओ इन लोगों को...। और अंत में दिल पर पत्थर रखकर आज पहली बार कहना पड़ रहा है..
इस गांगुली को बाहर बिठाओ यार....
आपके विचारों की अभिव्यक्ति मैंने जब भी पढ़ी उसकी सहजता हमेशा अच्छी लगी ...ये भी उसी का उदाहरण है
खैर अंत भला तो सब भला,अब आपकी टीम जीत चुकी है.लेकिन जब अपना पसंदीदा खिलाड़ी नहीं चलता तो असहनीय दर्द होता है.
विकास पाण्डेय
www.विचारो का दर्पण.blogspot.com
u r never a dada lover
महाराज केकेआर जीत चुकी है
दादा को टाटा कह देना चाहिये,रही बात केकेआर की तो हो सकता है कि इस बार कुछ कमाल कर दे, क्योंकि पहले उम्मीद की जा रही थी केकेआर के धमाल की, तो फुस्स हो गये,अब कोई उम्मीद नहीं है लेकिन हो सकता है कि इस बार कुछ कमाल कर दे
i am supporting KKR only because of Shahrukh Khan....
cricket hai bandu..atleast pura match nahi to 20 over dekh kar likho..