tag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post5394555214931771846..comments2023-11-05T13:57:47.042+05:30Comments on एक प्याला विचार भरा...: उस पुलिसवाले ने मेरे रहे-सहे विश्वास को भी तोड़ दिया...Aadarsh Rathorehttp://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-42625631299366392032009-05-25T21:14:52.950+05:302009-05-25T21:14:52.950+05:30आज भ्रष्टाचार हमारे समाज और देश की रगो में इस कदर ...आज भ्रष्टाचार हमारे समाज और देश की रगो में इस कदर घर कर चुका है कि अगर हम चाहे तो भी इस मिटा नहीं सकते...Amit Bhardwajnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-19889578501523223292009-05-25T06:27:13.195+05:302009-05-25T06:27:13.195+05:30व्यवस्था में भ्रष्टाचार की शुरूआत तो पुलिसवालों...व्यवस्था में भ्रष्टाचार की शुरूआत तो पुलिसवालों से ही हुई है।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-88428248837269232492009-05-24T23:38:57.921+05:302009-05-24T23:38:57.921+05:30आज पूरा हिदुस्तान इस दर्द से कराह रहा है और नेता म...आज पूरा हिदुस्तान इस दर्द से कराह रहा है और नेता मुट्ठी में दर्द की दवा दबा कर सरक जाते है <br /><br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-44151758046107470952009-05-24T23:02:29.643+05:302009-05-24T23:02:29.643+05:30आदर्श...जीवन की कड़वी सच्चाईयां इससे भी तीखी हैं.....आदर्श...जीवन की कड़वी सच्चाईयां इससे भी तीखी हैं....आपने जिस बानगी का जिक्र किया है..वो तो बस एक नमूना भर है....पुलिस वाले किसी के नहीं..वो तो दो चार पांच...दस रुपए में बिकते हैं......अपने विश्वास को इतने सस्ते में मत टूटने दो.....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-82607233900416935742009-05-24T17:24:03.493+05:302009-05-24T17:24:03.493+05:30logon ki samvednayen hi smapt ho gayee hain agar a...logon ki samvednayen hi smapt ho gayee hain agar apke sath do char log khade ho jete to uski manmani nahin chalti jab log chupchap seh rahe hain to unka hausle badh raha haiनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-62487785051406061292009-05-24T16:44:49.555+05:302009-05-24T16:44:49.555+05:30आपने इस घटना के बहाने हमारे समाज में फ़ैल चुके एक ग...आपने इस घटना के बहाने हमारे समाज में फ़ैल चुके एक गंभीर बीमारी की ओर ध्यान दिलाया है. दरअसल आज हम जिस तंत्र में जी रहे हैं वह समाज के सज्जनों की निष्क्रियता और शुतुरमुर्गी नीति का ही परिणाम है. भले लोग विवाद में पड़ने के बजाए या अपने अधिकार के लिए लड़ने के बजाए दुर्जनों के सामने समर्पण कर उन्हें बढावा देते हैं. मैं आपके जज्बे की दाद देता हूँ कि आपने विरोध करने की कोशिश तो की, परन्तु बस में बैठे अन्य लोगो ने तो आपका साथ देना भी जरूरी नहीं समझा. बल्कि आजकल तो आवाज उठाने वाले को लोग सरफिरा भी समझते हैं. ऐसे समाज में कभी सुधार आ सकेगा इसकी आशा भी धूमिल होती जा रही है.निशाचरhttps://www.blogger.com/profile/17104308070205816400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-45687086002821508192009-05-24T14:25:13.010+05:302009-05-24T14:25:13.010+05:30कोई कार वाला मोटा मुर्गा होता तो उसे सता-सता कर हल...कोई कार वाला मोटा मुर्गा होता तो उसे सता-सता कर हलाल करता पुलिस वाला।ये सब अब रोज़मर्रा मे शामिल हो गया है।गुस्सा तो बहुत आता है मगर कितना लड़े और किस-किस से लड़े।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-11733668699883168052009-05-24T14:18:57.085+05:302009-05-24T14:18:57.085+05:30अच्छा वाक्य सुनाया है .....बहुत खूबअच्छा वाक्य सुनाया है .....बहुत खूबMANVINDER BHIMBERhttps://www.blogger.com/profile/16503946466318772446noreply@blogger.com