tag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post5185357744454100225..comments2023-11-05T13:57:47.042+05:30Comments on एक प्याला विचार भरा...: हम भारतीयों को सियारों वाली आदत लग गई है?Aadarsh Rathorehttp://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-92127222648065853052010-03-16T20:20:18.364+05:302010-03-16T20:20:18.364+05:30waise ek baat to maanai padegi siyaaro mei ekta ba...waise ek baat to maanai padegi siyaaro mei ekta bahut hai....ek hoo-hoo kare to saare shuru ho jaate hai....Neha Pathakhttps://www.blogger.com/profile/03473210046792278569noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-30011548380926979262009-01-07T02:59:00.000+05:302009-01-07T02:59:00.000+05:30lol,so nicelol,so niceAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-14711260298333685362008-12-10T21:37:00.000+05:302008-12-10T21:37:00.000+05:30आदर्श, गोष्ठियों में न जाने का विकल्प कोई बहुत बेह...आदर्श, गोष्ठियों में न जाने का विकल्प कोई बहुत बेहतर विकल्प तो नहीं ही लगता... दरअसल कई बार ऐसी गोष्ठियां कुछ एक लोगों को उद्वेलित कर जाती हैं... और इतने में ही काम हो जाता है... कम से कम कुछ दिनों तक ये मुद्दा हमारे दिलो दिमाग पर छाया रहता है... हो सकता है इन्हीं में से कोई एक बंदा आगे बढ़ जाए... उसे ये भरोसा रहता है कि इतने लोग अपने साथ हैं... या कम से कम वैसा सोचते हैं जो मैं करने जा रहा हूं...पशुपति शर्माhttps://www.blogger.com/profile/11856783167021814006noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-13761635948874903802008-12-10T12:56:00.000+05:302008-12-10T12:56:00.000+05:30यदि आप निदान जानना चाहते हैं तो फिर कर लीजिए ना एक...यदि आप निदान जानना चाहते हैं तो फिर कर लीजिए ना एक गोष्ठी-:)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-90568911232255769672008-12-10T01:38:00.000+05:302008-12-10T01:38:00.000+05:30हम भारतीयों को सियारों वाली आदत लग गई है? बिलकुल स...हम भारतीयों को सियारों वाली आदत लग गई है? बिलकुल सही लिखा है आप ने, ओर यह आज नही बहुत पहले से लगी है, <BR/>धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-45852352623058320652008-12-10T00:01:00.000+05:302008-12-10T00:01:00.000+05:30"क्या ये सही नेतृत्व न मिल पाने के कारण है या कोई ..."क्या ये सही नेतृत्व न मिल पाने के कारण है या कोई और बात है।"<BR/>कुछ जगह ये जरूर लागू हो सकता है और कुछ जगह सियारों वाली बात भी. वो क्या है कि सब इस रूटीन में बंद हो जाते हैं कि काम पे जाना है और बस पैसा कमाना है. उसके अलावा किसी चीज पर ध्यान ही नही रहता है. जब कोई दिक्कत आती है तब ध्यान जाता है.अंकुर गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/11895780087694607022noreply@blogger.com