tag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post17447429575038656..comments2023-11-05T13:57:47.042+05:30Comments on एक प्याला विचार भरा...: क्या मेरे पेइंग गेस्ट में भूत रहते है?Aadarsh Rathorehttp://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-74929621289704542682010-01-17T22:49:42.613+05:302010-01-17T22:49:42.613+05:30वैसे मुझे आपके सभी भूतहा लेख अच्छे लगे...पर मैं आप...वैसे मुझे आपके सभी भूतहा लेख अच्छे लगे...पर मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि अगर आपके पीजी में लगातार ऐसी घटनाए हो रही है तो आप अपने पीजी को छोड़ क्यों नही देते ?सपनों की उड़ानhttps://www.blogger.com/profile/11879955173761315924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-54260748138000660152010-01-17T22:49:28.992+05:302010-01-17T22:49:28.992+05:30वैसे मुझे आपके सभी भूतहा लेख अच्छे लगे...पर मैं आप...वैसे मुझे आपके सभी भूतहा लेख अच्छे लगे...पर मैं आपसे पूछना चाहती हूं कि अगर आपके पीजी में लगातार ऐसी घटनाए हो रही है तो आप अपने पीजी को छोड़ क्यों नही देते ?सपनों की उड़ानhttps://www.blogger.com/profile/11879955173761315924noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-62508714491567698912010-01-04T18:38:45.275+05:302010-01-04T18:38:45.275+05:30aadarsh bhayi aapne to dara hi diya hai... jald hi...aadarsh bhayi aapne to dara hi diya hai... jald hi apni bhutha kahani sunaunga...Crazy Codeshttps://www.blogger.com/profile/13403617601253452747noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-44629927303857329152010-01-03T16:09:46.582+05:302010-01-03T16:09:46.582+05:30ये ह्यूमन साइक्लोजी है.. जिस बात को हम नहीं भी मान...ये ह्यूमन साइक्लोजी है.. जिस बात को हम नहीं भी मानते, उसके बारे में बार-बार सुनकर अक्सर उसके होने का एहसास होने लगता है... डरने की कोई ज़रूरत नहीं है, ऐसा कुछ भी नहीं होता... लेकिन वाक्या बड़ा ही दिलचस्प है..अबयज़ ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/06351699314075950295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-86567265822999246082010-01-03T01:42:05.345+05:302010-01-03T01:42:05.345+05:30ek baat samajh me nahi aati hai, ki har Boys hoste...ek baat samajh me nahi aati hai, ki har Boys hostel kisi samay me girls hostel kyon hua karta hai? aur usame bhi 2-3 kamaron me koi na koi ladki atmhatya kyon ki hui rahti hai?? <br /><br />main baat kar raha hun aise hostel ki jo kam se kam 40-50 sal purana ho aur uska sahi itihas kisi ko pata nahi ho.. mere hostel ke bare me bhi maine college me aisa hi kuchh suna tha.. :)PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-65573585349089580282010-01-02T23:58:57.315+05:302010-01-02T23:58:57.315+05:30अरे मित्र भूत-पिचास के चक्कर में कब पड़ गए....कभी ...अरे मित्र भूत-पिचास के चक्कर में कब पड़ गए....कभी हमें भी अपने पीजी में ठहराओं देखा जाए कि क्या माजरा है।अमृत कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/00404648697774307768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-4251049893433060362010-01-02T20:17:23.520+05:302010-01-02T20:17:23.520+05:30अरे भाई आप भी भूतों पर यकीन करते हैं? यकीन नहीं हो...अरे भाई आप भी भूतों पर यकीन करते हैं? यकीन नहीं होतापत्रकारhttps://www.blogger.com/profile/00366898211270456587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-79240097671750665282010-01-02T17:43:40.948+05:302010-01-02T17:43:40.948+05:30मजेदार हैमजेदार हैRAJNISH PARIHARhttps://www.blogger.com/profile/07508458991873192568noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-45913150834322289232010-01-02T17:40:21.905+05:302010-01-02T17:40:21.905+05:30हा हा हा.. पीसी गोदियाल साहब..
क्या वाकया सुनाया ह...हा हा हा.. पीसी गोदियाल साहब..<br />क्या वाकया सुनाया है...। मज़ेदार..। बहरहाल इन सर्दियों का अनुभव बाकी है...।Aadarsh Rathorehttps://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-22821567394809483892010-01-02T16:33:36.605+05:302010-01-02T16:33:36.605+05:30बात केवल सर्दियों की है. अत: थोड़ा जांच करें कहीं क...बात केवल सर्दियों की है. अत: थोड़ा जांच करें कहीं कोई कीड़ा आदि जो केवल सर्दियों में सक्रिय हो जाता हो और दीवारों दरवाजों में घुसकर आवाज करता हो. क्या भूतों को गर्मी से एलर्जी होती है? शायद इसका कोई वैज्ञानिक कारण हो क्योंकि बात केवल सर्दियों में ठक ठक की आवाज की है.अंकुर गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/11895780087694607022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-58470891428559974702010-01-02T16:32:47.585+05:302010-01-02T16:32:47.585+05:30अजी कई बार दिल का वहम भी होता है, आप शायद जरुर कोई...अजी कई बार दिल का वहम भी होता है, आप शायद जरुर कोई भुता फ़िल्म देख रहे होंगे, या नींद मै होंगे, अगर ज्यादा डर लगे तो ..... लगे फ़िर हम क्या कर सकते है.<br />गोदियाल जी की टिपण्णी मजेदार हैराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-84033045933628396052010-01-02T15:51:29.743+05:302010-01-02T15:51:29.743+05:30एक ही घटना दो लोगो के लिए अलग अलग हो सकती है....भो...एक ही घटना दो लोगो के लिए अलग अलग हो सकती है....भोगने वाले के लिए अलग और सुनने वाले के लिए अलग....।अगली पोस्ट की प्रतीक्षा रहेगी.।<br /><br />गोदियाल जी का वाकया मजेदार है...परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-40531787257981616182010-01-02T14:47:53.479+05:302010-01-02T14:47:53.479+05:30हाहाहाह पीसी साहब गजब का वाकया बताया है हाहहाह मजे...हाहाहाह पीसी साहब गजब का वाकया बताया है हाहहाह मजेदार हैशशांक शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00569926392676984136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-24450852669933386702010-01-02T14:45:52.994+05:302010-01-02T14:45:52.994+05:30भूत है या नहीं ये तो नहीं कह सकता लेकिन लिखा रोचकत...भूत है या नहीं ये तो नहीं कह सकता लेकिन लिखा रोचकता के साथ है। बढ़िया है। रही बात भूत की तो उसके इरादे भांप लेनाशशांक शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00569926392676984136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-39577410127894039092010-01-02T14:45:28.161+05:302010-01-02T14:45:28.161+05:30आपने पेइंग गेस्ट का मुद्दा छेड़ा है, वाकया पूरा पढ...आपने पेइंग गेस्ट का मुद्दा छेड़ा है, वाकया पूरा पढ़ा :) और मजेदार लगा ! तो इसी पर मैं भी आपको एक इंटरेस्टिंग वाकिया कह लो या फिर जोक के तौर पर ले लो, सुनाता हूँ ! इसे सिर्फ यहाँ मनोरंजन के लिहाज से ही लिख रहा हूँ इसलिए कृपया अन्यथा न ले ! <br /><br />दिल्ली यूनिवर्सिटी के पास की एक मशहूर जगह है(नाम नहीं लूंगा ) जहाँ अक्सर बाहरी प्रान्तों से आये लड़के लडकिया (विद्यार्थी-विद्या की अर्थी उठाने वाले ) पेइंग गेस्ट के तौर पर रहते है ! एक की फ्लोर पर लड़के भी और लडकिया भी ! आइडिया भी बुरा नहीं, क्योंकि इस तरह एक ही फ्लैट को चार पांच लोग शेयर करके रहते है तो कॉस्ट कम आती है ! विद्यार्थी लोग पापा-मम्मी से मिली पॉकेट मनी को इस तरह बचाकर अन्य मनोरजन के कार्यों में खर्च कर पाते है ! इसी तरह एक लड़का लडकी एक फ़्लैट पर रह रहे थे ! कुछ दिनों बाद लड़के की मम्मी बेटे के हाल-चाल जानने आ धमकी ! लड़का-लडकी और मम्मी जब खाना खा रहे थे तो मम्मी जिस शक भरी निगाहों से लडकी को घूरे जा रही थी तो बेटा समझ गया ! उसने मम्मी को समझाया कि अम्मी जो आप समझ रही हो, वैसा बिलकुल भी नहीं है ! यहाँ का कल्चर ही ऐसा है, अत: हम खर्चे कम करने के उद्देश्य से ज्वाइंट में पेईंग गेस्ट बनकर रहते है! साथ खाते है मगर वह अपने कमरे में सोती है और मैं अपने कमरे में.......! मम्मी चली गई तो एक दिन लडकी ने लड़के से कहा, कि मैं यह नहीं कहती कि चांदी की चमचो के बण्डल में से एक चम्मच तुम्हारी मम्मी ले गई, मगर एक चम्मच उसी दिन से गायब है जिस दिन से तुम्हारी मम्मी गई ! अब बेटे ने अपनी मम्मी को संकुचाते हुए फोन लगाया और कहा कि मम्मी मैं यह नहीं कह रहा कि वह चांदी की चम्मच आप इरादतन ले गई, मगर एक बार अप अपना बैग चेक कर लो, हो सकता है कि गलती से चली गई हो आप के बैग में !<br /><br />उधर से मम्मी का फोन पर जबाब था ; "हरामजादे, मैंने चम्मच लडकी के बेड में चद्दर के नीचे रखी हुई है, अगर वह अपने बेड पर सोती तो उसे कैसे नहीं चम्मच मिलती !"पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6345042130764398174.post-80882908182103116172010-01-02T14:39:52.880+05:302010-01-02T14:39:52.880+05:30भूतहा पेइंग गेस्ट....चाहे जो भी हो...पढ़ने में रोम...भूतहा पेइंग गेस्ट....चाहे जो भी हो...पढ़ने में रोमांचक तो है ही....मानना, न मानना अलग बात है......kshitijhttps://www.blogger.com/profile/14826860076542446312noreply@blogger.com